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April 7, 2012

जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्री¨डग----

LIBRARY, KENDRIYA VIDYALAYA - BHADERWAH


अधिक उपज और सुरक्षित पर्यावरण



डीएनए जीवन का आधार है। जेनेटिक तकनीक के माध्यम से डीएनए में फेरबदल किया जाता है और पेड-पौधों में अच्छे गुणों को विकसित किया जाता है। जेनेटिक तकनीक के द्वारा ही रोग प्रतिरोधक फसलें और सूखे में पैदा हो सकने वाली फसलों का उत्पादन किया जाता है। इसके जरिए पेड-पौधों में ऐसे गुण विकसित किए जाते हैं, जिसकी मदद से इनके अंदर बीमारियों से लडने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जाती है। इसी तकनीक की मदद से फूड भी तैयार किस जाते हैं जो जीएम यानी जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड के रूप में जाने जाते हैं। आज देश एवं विश्व के परिदृश्य पर एग्रीकल्चर को नई दिशाएं, आयाम, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्लांट जेनेटिक्स साइंटिस्टों का बहुत बडा योगदान है। एग्रीकल्चर में नई प्रजातियों, हाईब्रिड बीजों को प्लांट जेनेटिक्स साइंटिस्ट के नेतृत्व में विकसित किया जाता है। फल-फूलों की नवीन प्रजातियां किसी का भी मन मोह लेती हैं। वर्तमान में इस फील्ड के जानकारों की डिमांड सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में खूब है। अगर आप इस क्षेत्र में आना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतरीन कॅरियर विकल्प हो सकता है।






कला भी है और विज्ञान भी






प्लांट ब्रीडिंग (पादप प्रजनन) कला व विज्ञान के साथ ही शौक और व्यवसाय भी है। इसके द्वारा नई पादप प्रजातियां, हाईब्रिड, नई फसलों व पौधों के विकास से खाद्य एवं पोषण सुरक्षा की कडी को मजबूत बनाने में आप अपना योगदान दे सकते हैं। इस फील्ड के प्रोफेशनल्स विभिन्न प्रकार के कीट व्याधि अवरोधी, सूखा ऊसर एवं बाढ अवरोधी प्रजातियों का विकास कर लाखों लोगों को भुखमरी से बचा सकते हैं। किसानों को समृद्वि एवं आत्मनिर्भर बनाने को इसके प्रोफेशनल्स कई तरह के वर्क करते रहते हैं। यही कारण है कि जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग का अध्ययन करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है।






जरूरी स्किल्स






1. पेड-पौधों के प्रति लगाव


2. नेतृत्व क्षमता


3. पारखी नजर


4. साइंस के प्रति समर्पण


5. फील्ड व लैब में सतत प्रयत्न करने का विश्वास


6. आंकडों का संग्रहण एवं विश्लेषण क्षमता






एजूकेशनल क्वालिफिकेशन






यदि आप ने किसी भारतीय विश्वविद्यालय या संस्थान से बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी हार्टिकल्चर, बीएससी फॉरेस्ट्री तथा बीएससी बायोलॉजी की उपाधि अर्जित की है या फिर फाइनल ईयर की परीक्षा दी है तो आप एमएससी जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग से रिलेटेड कोर्सो में प्रवेश लेने का आवेदन कर सकते हैं।






जॉब की संभावनाएं






कृ षि विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटियों, केन्द्रीय विश्वविद्यालय में जूनियर प्लांट ब्रीडर या असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नौकरी की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के केन्द्रीय कृषि अनुसंधान संस्थानों, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्रों, फसल शोध निदेशालयों एवं राष्ट्रीय पादप अनुवांशिकी संसाधन ब्यूरो में कृषि शोध सेवा द्वारा वैज्ञानिक पादप प्रजनन, जेनेरिस्ट, साइटो जेनेटिक्स के रूप में कार्य कर सकते हैं। जिस स्टूडेंट ने विश्वस्तरीय शोध करने का सपना देखा है, वह अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शोध संस्थानों में डॉक्टोरल रिसर्च, एसोसिएटशिप तथा उपलब्धियों के आधार पर अन्तरराष्ट्रीय कृषि सेवा में नियुक्तिपा सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों के महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति पा सकते हैं। प्राइवेट क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध सीड कम्पनियों में आज इस फील्ड के जानकारों की खूब डिमांड है। आप अपनी सीड कम्पनी खोलकर लोगों को रोजगार दे सकते हैं।






प्रमुख कोर्स


 M.Sc in Genetics


 M.Sc in Genetics and Plant Breeding


 M.Sc in Plant Breeding


 M.Sc in Agril. Botany

 M.Phil in Genetics and Plant Breeding


Ph-D Genetics


Ph.D.Genetics and Plant Breeding


Ph.D. Plant Breeding


Ph.D. Agril. Botany






कहां से करें कोर्स






1. इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली


2. चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर

3. चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हरियाणा


4. सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, इंफाल


5. गोविन्द बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर


6. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना


7. नरेन्द्र देव यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, फैजाबाद


8. सरदार बल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी मेरठ


9. यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस धारवाड, कर्नाटक






आत्मसंतुष्टि के साथ अपार संभावनाएं






जेनेटिक्स एंड प्लांट बीडिंग ऐसा सब्जेक्ट है, जो आत्मसंतुष्टि के साथ देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाता है। अगर आपने सपना देखा है कि देश ही नहीं विश्व में कोई खाली पेट न सोये, तो फसलों का उत्पादन आप डीप अध्ययन और रिसर्च कर बढा सकते हैं। विकसित देश आज भुखमरी से जूझ रहे हैं। अफ्रीकी देशों में अपनी सेवा देकर मानव कल्याण एवं शांति में अपना योगदान दे सकते हैं। रोजगार की दृष्टि से इसमें अपार संभावनाएं हैं। पोस्टग्रेजुएशन और रिसर्च करने के बाद आप देश ही नहीं विदेश में नेम के साथ फेम कमा सकते हैं।


by- S.K.Pandey, Librarian