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प्रयास आखिरी सांस तक करना चाहिए, या तो लक्ष्य हासिल होगा या अनुभव दोनों ही बातें अच्छी है.

June 10, 2012

विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों से रहें अपडेट..............


LIBRARY, KENDRIYA VIDYALAYA - BHADERWAH


विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों से रहें अपडेट..

1. पिछले दिनों वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह खोज की कि नासा द्वारा विभिन्न फलों के तत्वों से निर्मित स्पेस ड्रिंक (जो अंतरिक्ष यात्रियों को रेडिएशन से बचने के लिए दिया जाता है) झुर्रियों, दाग व सूर्य की घातक किरणों से बचाव करता है। यह स्पेस ड्रिंक कौन सी है?
(क) एएस10
(ख) एटी 10
(ग) एनपी 10
(घ) टीटी 10

2. यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने 80 साल पुरानी वह अनसुलझी समस्या हल कर दी है कि आखिर पौधे, फूलने के उचित समय को कैसे जानते हैं। क्या आप उस प्रोटीन का नाम बता सकते हैं, जिसे पौधे फूलने से पहले स्नावित करते हैं?
(क) फ्लावरिंग लोकस टी
(ख) फ्लावरिंग टी
(ग) फ्लावरिंग नोकस पी
(घ) फ्लावरिंग पी

3. हाल ही में एमआईटी के वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस विकसित की है, जो बिना सुई के त्वचा के जरिए लगभग ध्वनि की रफ्तार से दवा को शरीर में पहुंचा सकती है। इस डिवाइस के मुख्य भाग कौन से हैं?
(क) लेजर और इलेक्ट्रिक करंट
(ख) लेजर व चुंबक
(ग) शक्तिशाली चुंबक और इलेक्ट्रिक करंट
(घ) एक्सरेज और इलेक्ट्रिक करंट

4. पिछले दिनों सौर्यचालित विमान ने पहली बार एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की उडान भरी। यह सौर्यचालित विमान कौन सा है?
(क) सोलर एअॅर
(ख) एअॅर इम्पल्स
(ग) सोलर इम्पल्स
(घ) सोलर एअॅर इम्पल्स

5. इम्पीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अल्ट्रासेंसिटिव टेस्ट विकसित किया है, जो प्रोस्टेट कैंसर समेत कई बीमारियों को अति प्रारम्भिक अवस्था में पता लगाने में मदद कर सकता है। इस टेस्ट को क्या कहा जाता है?
(क) बॉयोमार्कर टेस्ट
(ख) बॉयोसेंसर टेस्ट
(ग) बॉयोमार्कर-बॉयोसेंसर टेस्ट
(घ) बॉयोमेडिकल टेस्ट



उत्तर- 1.क, 2.क, 3.ग, 4.ग, 5.ख

SANTOSH PANDEY_LIBRARIAN


June 3, 2012

डीएसई में कॅरियर-----------------------


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आप भी यदि एलआईसी से जुडना चाहते हैं, तो इसमें एंट्री के कई तरह के रास्ते हैं। हाल ही में एलआईसी ने डायरेक्ट सेल्स एग्जीक्यूटिव पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

 
योग्यता व सेलेक्शन
डायरेक्ट सेल्स एग्जीक्यूटिव के लिए किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री अनिवार्य है। इसके साथ अंगे्रजी की जानकारी अपेक्षित है। डीएसई पदों के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष निर्धारित है। डीएसई पदों के लिए भी एलआईसी परीक्षा लेती है। पहले लिखित परीक्षा होगी और इसमें उत्तीर्ण स्टूडेंट्स का इंटरव्यू होगा। लिखित परीक्षा के अंतर्गत एक ऑब्जेक्टिव टाइप का पेपर होगा। ऑब्जेक्टिव टाइप के अंतर्गत रीजनिंग एबिलिटी, न्यूमेरिकल एबिलिटी, जनरल नॉलेज से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।


बेहतर तैयारी से बनेगी बात

बाजार में ऐसी किताबें और गाइड्स मौजूद हैं जिनमें पिछले वर्षों के प्रश्न व उत्तर दिए होते हैं। ऐसी गाइड से अपनी मुकम्मल तैयारी कर सकते हैं। न्यूमेरिकल और रीजनिंग के लिए अधिक से अधिक अभ्यास से ही सफलता मिल सकती है। इसलिए इन दोनों विषयों का खूब अभ्यास करें। स्वयं की तैयारी परखने के लिए आप घर में ही निर्धारित समय-सीमा के अंदर सभी प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें।


इससे समय रहते आपको अपनी कमजोरी का अहसास हो जाएगा और आप अपनी कमजोरी को दुरुस्त करते हुए एग्जामिनेशन में बैठ सकेंगे। यदि आप लिखित परीक्षा में सफल होते हैं,तो आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। साक्षात्कार में सफल होने के लिए तैयारी बेहद जरूरी है, क्योंकि ऐसा करने से जॉब मिलने की संभावना बढ जाती है। यदि आप साक्षात्कार के लिए जा रहे हैं, तो मानसिक रूप से तैयार होने के साथ-साथ आवश्यक जानकारी भी जरूर हासिल कर लें। दरअसल, कई बार इस तरह की बातें भी सामने आई हैं कि कुछ लोग नई नौकरी हासिल करने से पहले ही उसे खो देते हैं, क्योंकि वे साक्षात्कार के लिए समुचित तैयारी नहीं करते हैं। यह सच है कि यदि आप थोडी-सी जानकारी और समझदारी से काम लें, तो आपके लिए साक्षात्कार को फेस करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। इसके लिए बेहद जरूरी है कि आप सकारात्मक भाषा का प्रयोग करें। हां, इस दौरान किसी प्रकार की शेखी बिल्कुल न बघारें और न ही अपनी उपलब्धियों पर गर्व करें। सीधे और साधारण शब्दों में ही अपनी बातों को साक्षात्कारकत्र्ता के सामने रखें। अपनी कमजोरियों और त्रुटियों के बारे में अपने आप कोई जानकारी न दें। हां, यदि आपसे इनके बारे में पूछा जाए, तो ईमानदारी से जवाब दें।


टाइम मैनेजमेंट है अहम
परीक्षा की तैयारी में सफलता तभी मिलती है, जब टाइम मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हैं। टाइम मैनेजमेंट का मतलब है स्पष्ट तौर पर तय किए गए लक्ष्यों को एक निश्चित समय में सफलतापूर्वक हासिल करना।
अगर लक्ष्य नहीं होगा तो टाइम मैनेजमेंट की जरूरत ही नहीं होगी। टाइम को ठीक से मैनेज नहीं करेंगे तो लक्ष्य पाना मुश्किल हो जाएगा। लक्ष्य या फिर प्राथमिकताएं तय करना टाइम मैनेजमेंट की पहली सीढी है। लक्ष्य तय हो तो उसे पाने का रास्ता आप आसानी से तैयार कर सकते हैं। इसके बाद आप अपने लिए एक रूटीन तैयार कर लें। अपने रूटीन पर बिल्कुल फोकस रह कर अमल कीजिए। यही टाइम मैनेजमेंट का की-फैक्टर है। आप देखें कि पिछले हफ्ते में अगर आप अपने रूटीन पर पूरी तरह अमल नहीं कर पाए हैं तो उस रही सही कसर को आने वाले हफ्ते में पूरा करने की कोशिश करें। इस तरह की रणनीति से आप किसी भी परीक्षा में सफल हो सकते हैं।



SANTOSH PANDEY