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प्रयास आखिरी सांस तक करना चाहिए, या तो लक्ष्य हासिल होगा या अनुभव दोनों ही बातें अच्छी है.

November 28, 2012

इंश्योरेंस कॅरियर का ब्राइट सेक्टर



इंश्योरेंस कॅरियर का ब्राइट सेक्टर........



 वैश्वीकरण के इस दौर में सूचना प्रौद्योगिकी ने व्यक्ति की सोच का दायरा ही नहीं बढाया बल्कि जिम्मेदारियों का अहसास कराया है। यही कारण है कि लोग भविष्य को लेकर प्लानिंग करने लगे हैं। इसी कारण इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर की उज्ज्वल संभावनाएं बढी हैं। शहरों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंश्योरेंस के प्रति बढी जागरुकता ने कॅरियर को हॉट बना दिया हैं। अब तो हाई प्रोफाइल लोग भी इससे जुडने लगे हैं।

व्हाई टू स्टडी इंश्योरेंस
कॅरियर की दृष्टि से इंश्योरेंस सेक्टर को सुरक्षित माना जा सकता है। यदि आप इंश्योरेंस से रिलेटेड कोर्स करने का प्लान कर रहे हैं तो विशेषज्ञ मानते हैं कि यह निर्णय आपके हित में हो सकता है, क्योंकि नई-नई कंपनियों के इंश्योरेंस के क्षेत्र में कदम रखने से इसमें भविष्य में संभावनाएं दिख रही हैं। यदि आपकी कम्यूनिकेशन स्किल्स बढिया है तो इंश्योरेंस सेक्टर में स्कोप की कमी नहीं है। असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफीसर से लेकर एजेंट के रूप में कॅरियर को ऊंचाइयां दे सकते हैं। भारत में इंश्योरेंस सेक्टर का भविष्य विशेषज्ञ इसलिए भी अच्छा मानते हैं कि यहां आज भी बडी संख्या में लोगों का इंश्योरेंस नहीं है। अन्य देशों की तुलना में यहां इंश्योरेंस के प्रति लोग कम जागरुक हैं, जिन्हें जागरुक करने का कार्य बीमा कंपनियां कर रही हैं और उन्हें सफलता भी मिल रही है। इससे इसमें ब्राइट कॅरियर के चांसेज बढे हैं।

जरूरी स्किल्स
-जिज्ञासु प्रवृत्ति
-अच्छी कम्युनिकेशन पॉवर
-ऑब्जर्वेशन क्षमता
-लक्ष्य के प्रति समर्पण
-लम्बे समय तक कार्य करने की क्षमता
-टीम के प्रति समर्पण

एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
10+2 उत्तीर्ण हैं तो इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर के ब्राइट ऑप्शन हो सकते हैं। आप बीए-इंश्योरेंस में एडमिशन ले सकते हैं या फिर एजेंट के रूप में कॅरियर शुरू का सकते हैं। साइंस सब्जेक्ट से बारहवीं उत्तीर्ण हैं तो बीएससी एक्चुरियल साइंस की पढाई कर भविष्य को गति दे सकते हैं। इंश्योरेंस मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के लिए स्नातक होना जरूरी है। इसमें सर्टिफिकेट से लेकर मास्टर डिग्री कोर्स तक उपलब्ध हैं। 
 
पद और कार्य
इंश्योरेंस सेक्टर में एंजेंट के रूप में कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। इंश्योरेंस एजेंट के रूप में चयन होने के बाद संबंधित इंश्योरेंस कम्पनी सौ घंटे की ट्रेनिंग देती है। ट्रेनिंग पूरा होने के बाद इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) द्वारा आयोजित ऑनलाइन एग्जॉम उत्तीर्ण करना होता है। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कैंडिडेट्स संबंधित कम्पनी में एजेंट के रूप में कार्य करना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा कुछ संस्थान संबंधित कोर्स कराते हैं। इंश्योरेंस क म्पनी में एजेंट के अलावा डेवलपमेंट ऑफीसर, सर्वेयर, मार्केटिंग मैनेजर आदि के रूप में कार्य शुरू कर सकते हैं। एक्चुअरी प्रोफेशनल्स निधन, बीमारी, दुर्घटना तथा विकलांगता आदि की स्थिति में जोखिम का आकलन करते हैं और तय करते हैं कि बीमित व्यक्ति को कितनी धनराशि प्रदान की जानी चाहिए। एक्चुअरी के रूप में कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स की मैथमैटिक्स एवं स्टैटिस्टिक्स पर अच्छी पकड होनी चाहिए।

सैलरी पैकेज
इंश्योरेंस सेक्टर में शुरुआती दौर में 15 से 20 हजार रुपए सेल्स मैनेजर के रूप में अर्जित कर सकते हैं। इस फील्ड में अच्छाई है कि इसमें कई तरह के अलाउंस मिलते हैं। अनुभव बढने के साथ प्रति माह 30 से 50 हजार रुपए सैलरी रूप में अर्जित की जा सकती है। 
 
प्रमुख संस्थान
-यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली
-बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
-अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ
-बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
-कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
-आईआईटी, मुम्बई


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November 20, 2012

कॅरियर का सही जजमेंट


पुस्तकालय , केन्द्रीय विद्यालय - भद्रवाह
 
कॅरियर का सही जजमेंट---


फिल्मों में तो आपने कई बार अदालत के सीन देखे होंगे और बचपन के खिलंदडे में ऑर्डर-ऑर्डर के खेल भी खूब खेले होंगे। लेकिन आज बचपन के इसी खिलवाड में भविष्य के कई सपने छिपे दिखते हैं। वो सपने जो केवल कॅरियर को मंजिल ही नहीं देते बल्कि सकडों-हजारों लोगों को न्याय, सच्चाई?की मुकम्मल राह भी दिखाते हैं। हम बात कर रहे हैं न्यायपालिका में मौजूद कॅरियर के रास्तों की। जहां आप वह सब पा सकेंगे, जिसके ख्वाब आपने जागती आंखों से देखे होंगे। वैसे भी आज के दौर में जब समाज तेजी से आत्मकेंद्रित हो रहा है। अपनों का दायरा लगातार कम हो रहा है। ऐसे कॅरियर विकल्प कम ही बचे हैं जो व्यवस्था में आम जनमानस के भरोसे को कायम रखें। यदि आप इस भरोसे को जिंदा रखने की कवायद में हिस्सेदार बनना चाहते हैं व कायम रखना चाहते हैं देश की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराएं तो न्यायपालिका, कॅरियर की सही राह है। यहां आप क्लैट यानि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के जरिए अपने मनचाहे मुकाम तक पहुंच सकते हैं। सभी को यह सुविधा सुलभ हो और कानून की पहुंच आमलोगों तक हो, इसके लिए हर वर्ष 9 नवंबर को नेशनल लीगल सर्विस डे मनाया जाता है।
      
जानें क्लैट को
न्यायपालिका के क्षेत्र में प्रवेश करने का यह एक प्रमुख रास्ता है। इसकी शुरुआत साल 2010 में मानव संसाधन मंत्रालय व यूजीसी (यूनियन ग्रांट कमीशन) की पहल पर हुई। इस पहल के पीछे अहम थी सर्वोच्च न्यायालय मे दाखिल जनहित याचिका। जिसमें कहा गया था कि क्यों न ऐसी एकीकृ त प्रवेश परीक्षा शुरू की जाए जो भविष्य के वकीलों को बेहतर कानूनी दृष्टिकोण प्रदान करे। इससे पहले तक लॉ कॅरियर की राह थोडी अलग थी, जिसमें इंट्री (एलएलबी कोर्स) के लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना आवश्यक था लेकिन अब क्लैट के आ जाने से 10+2 के बाद ही छात्र इसके डिग्री प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं। क्लैट का इस्तेमाल देश के 14 नेशनल लॉ स्कूल/ यूनिवर्सिटीज अपने अंडर ग्रेजुएट (एलएलबी) व पोस्ट ग्रेजुएट एलएलएम) प्रोग्रामों में प्रवेश हेतु करते हैं। आप इससे संबंधित कोर्स करके कॅरियर बना सकते हैं।
      
एग्जाम का लेखा जोखा
कहा जाता है न्यायिक तंत्र तभी बेहतर ढंग से कार्य करता है, जब उसका प्रत्येक अंग अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर व तजुबर्ेकार हो। क्लैट एग्जाम का लक्ष्य ऐसी ही सोच वाले युवाओं का चयन करना है। यह परीक्षा हर साल मई माह में आयोजित होती है, जिसमें मैथ्स, इंग्लिश, जनरल नॉलेज, लीगल एप्टीट्यूड, लॉजिकल रीजिंनग से जुडे प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्नपत्र की अवधि 2 घंटे की है व इसमें कुल 200 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं। प्रश्नों का स्तर 12वीं के आस-पास होता है।
 
क्या है योग्यता का दायरा
क्लैट का खाका कुछ ऐसे खींचा गया है कि न्यायालयों को ताजा सोच से लैस युवा मिल सकें। यही वजह है कि इसके अंडरग्रेजुएट (एलएलबी) प्रोग्राम की पात्रता शर्त 10+2 या समकक्ष रखी गई है। तो वहीं एलएलएम प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए उम्मीदवार का एलएलबी होना अनिवार्य है। अंडरग्रेजुएट एग्जाम केलिए 20 साल से कम उम्र के उम्मीदवार पात्र हैं।
- समझिए अंकों का क्राइटेरिया- क्लट के एक खास स्तर को बनाए रखने के लिए यहां न्यूनतम अंकों की शर्त रखी गई है। इसके मुताबिकएलएलबी परीक्षा में बैठने के लिए आपको 10+2 में न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण होना होगा। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम में भागीदारी के लिए आपको एलएलबी में 50 फीसदी अंक लाने होंगे।
 
सिलेबस पर पकड
क्लैट परीक्षा में सफलता के लिए आपको हर चरण पर योजनाबद्ध अध्ययन की जरूरत पडेगी। यदि आप ऐसा करने में सफल रहे तो कानून का यह कॅरियर निर्णय आपके ही हक में होगा। - इंग्लिश- क्लैट अंडरग्रेजुएट परीक्षा में 40 अंक की अंग्रेजी आती है। इस पार्ट मे कैंडीडेट्स की इंग्लिश भाषा की समझ का आकलन किया जाता है। यहां कॉम्प्रिहेंसन, वर्ड मीनिंग, करेक्ट, इनकरेक्ट, फिल इन द ब्लैक्स, चूसिंग द राइट वर्ड जैसी चीजों पर खासा जोर रहता है। अगर आप सिलेबस को ध्यान से पढते हैं, तो आपको इस विषय में विशेष परेशानी नहीं होगी।
- मैथ्स- प्रश्नपत्र में 20 अंकों की मथ्स आती है वो भी कैंडीडेट्स की प्राथमिक गणितीय योग्यता जांचने के लिए। इसका स्तर अमूमन हाईस्कूल का ही होता है। अगर आपका मैथ्स में फंडामेंटल क्लियर है, तो आपको विशेष परेशानी नहीं होती है।
- जनरल नॉलेज- जीके सेक्शन में बेहतर करने के लिए वर्षपर्यंत तैयारी की दरकार होती है। जानकार मानते हैं कि अच्छी तैयारी के लिए साल भर (मार्च 2011-मार्च 2012 तक) के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, पुरस्कार, विज्ञान, मनोनयन, उपलब्धियों आदि से संबंधित प्रश्नों का अध्ययन बेहतर रहेगा। पूरे प्रश्नपत्र में 50 अंकों का जीके आता है। अगर आप न्यूज पेपर पढते हैं, तो फायदे में रह सकते हैं।
- लॉजिकल रीजिनिंग- इसे उम्मीदवारों की तार्किक योग्यता परखने के लिहाज से सटीक माना जाता है। इससे 50 अंकों के प्रश्न आते हैं। ज्यादा फोकस एनालॉजीस, लॉजिकल सीक्वेंस, सिलोगिज्म जैसी चीजों पर होता है।
- लीगल एप्टीट्यूड- 40 अंकों वाला लीगल एप्टीट्यूड इस प्रश्न पत्र का अहम भाग है। यही वह हिस्सा है जिसके जरिए सही मायने में एक वकील के मौलिक गुणों की पडताल की जाती है। लिहाजा इस हिस्से की मजबूत तैयारी का मतलब है बेहतर रैंक।
 
प्रमुख संस्थान-नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी,बंगलौर
-एनएएलएसएआर,यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद
-नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल
-द वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरीडिशियल सांइस, कोलकाता
-नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर
-हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर
-गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर
 
के 1+के2+के3= सक्सेस
क्लैट में कामयाबी का यह सबसे महत्वपूर्ण समीकरण है। इसके जरिए आप परीक्षा में आने वाली हर मुसीबत से पार पा सकते हैं। यहां तक कि एडवोकेसी में आने वाली तरह-तरह की चुनौतियांको भी यहां जाना जा सकता है। इसकी कोशिश यही होती है कि कैंडीडेट परीक्षा के लिए सैद्धांतिक व मानसिक रूप से तैयार हो सके
 
क्या है के1- नो योर एग्जाम
जी हां क्लैट की परीक्षा देने से पहले कैंडीडेट्स को परीक्षा प्रारुप पूरी तरह समझना होगा और कोशिश करनी होगी कि प्रश्नपत्र के बरक्स असल क्षमताओं का आकलन हो सके। इसके लिए अहम होगा कि आप पुराने प्रश्नपत्रों का अध्ययन करें। जिसमें एनलएलएसआईयू, क्लैट, एनएएलएसए- आर, एनएलयू-जे, एनएलयू-डी जैसी परीक्षाओं के पुराने प्रश्नपत्र खासे मददगार साबित होंगे।
 
महत्वपूर्ण है के 2- नो योर सेल्फ
परीक्षा कोई भी हो अपनी क्षमताओं की परख सबसे जरूरी है। अन्यथा कई बार छात्र अपने बस के बाहर की चीजों में हाथ डाल पछताते हैं। उसी तरह क्लैट एग्जाम में भाग लेने के पूर्व कैंडीडेट्स के लिए खुद की अभिरुचियों, स्ट्रांग प्वांइट को जानना आवश्यक है। उन्हें समझना होगा कि वकालत ऐसा पेशा है जिसमें तर्कशील मस्तिष्क, पारखी दृष्टि, अध्ययनशील मनोवृत्ति व लाजवाब कम्यूनिकेशन की सख्त दरकार होती है। तो यहां इंट्री लेने से पहले अपने भीतर इन चीजों की मौजू-दगी सुनिश्चित करें तो अच्छा है।
 
तैयारी को फाइनल टच देता के3- किक द बॉल
परीक्षा की तैयारी कैसे करे,ं क्या करें, क्या न करें पर चर्चा बहुत हुई अब समय है फाइनल किक करने का। यदि आपने ऊपर बताए गए के1 व के2 पर पूरा ध्यान दिया है तो के3 यानि क्लैट की तैयारी को दिए जाने वाले फाइनल टच में परेशानी नही होगी। यहां कडी मेहनत, सभी विषयों को बराबर समय, बेसिक्स पर फोकस आदि आपकी कामयाबी की कुंजी हैं। आप इस पर अमल जरूर करें।
 
ऑल इंडिया बार काउंसिल एग्जाम
वकालत का क्षेत्र आज आम नहीं रहा। वो दिन गए जब लोग किसी और विकल्प के अभाव में वकालत का दामन थाम लिया करते थे। अब तो क्लैट जैसे कदमों ने इस क्षेत्र का स्तर बहुत ऊपर उठा दिया है। यही कारण है कि आज वकालत में एक पूर्ण कॅरियर की चाह रखने वाले लोग ही यहां प्रवेश ले रहे हैं व इस क्षेत्र को कामचलाऊ कॅरियर विकल्प मानने की पुरानी अवधारणा भी खत्म हो रही है। इसी कडी में एक नया नाम है-ऑल इंडिया बार काउंसिल एग्जाम। जो एडवोकेट के रूप में न्यायालय में खुद को रजिस्टर्ड कराने से पहले योग्य उम्मीदवार का टेस्ट लेता है। उसमें सफल होने पर ही अभ्यर्थी एक वकील के रूप में अपना कॅरियर शुरू कर पाता है।

क्यों पडी जरूरत
दरअसल इस परीक्षा को आयोजित कराने के पीछे बार काउंसिल की मंशा वकालत के पेशे में उतर रहे युवाओं की कार्यगत कुशलता नहीं बल्कि स्किल्स, विषय की आधारभूत समझ व पेशेगत योग्यता परखना है। इसी कारण गत वर्ष से ही इस परीक्षा की शुरुआत की गई।
-परीक्षा तिथि 25 नंवबर 2012 है।
-एप्लीकेशन फीस-
नए अभ्यर्थियों केलिए- 1900 रुपए
दोबारा फॉर्म भर रहे अभ्यर्थियों के लिए-1400 रुपए
-परीक्षा माध्यम- इस परीक्षा का आयोजन देश भर के 27 परीक्षा केंद्रों पर 9 भाषाओं (हिंदी, तमिल, इंग्लिश, गुजराती, तमिल, बंगाली, मराठी, तेलुगू, कन्नड, उडिया) में होता है।
-समयावधि- 3 घंटे 30 मिनट
-परीक्षा पैटर्न- परीक्षा में सौ सवाल पूछे जाएंगे। सभी सवाल बहुविकल्पीय (ओएमआर फॉर्मेट में) होंगे।
-कैसा होगा पाठ्यक्रम- परीक्षा में आने वाले सवाल बार कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित त्रिवर्षीय एलएलबी व पंचवर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र दो कैटेगिरी में बंटा होगा। पहला कानून के वृहत क्षेत्र केआधारभूत ज्ञान से जुडा होगा। वहीं दूसरे में कई अन्य विषयों से जुडे हुए ऐसे सवाल होंगे, जिन्हें जानना इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी नवागंतुक के लिए आवश्यक है।

अदालत से निकलेगा कॅरियर का निर्णय
आज अदालत के मायने बदले हैं। इसमें आज ऐसी कई चीजें शुमार हो चुकी हैं जिसके बारे में पहले सोचना भी मुश्किल था
काला कोट, अदालती परिवेश, सामने खडे मुजरिम, बहसों से गुजरते वकील। आज ज्यूडिशियरी कॅरियर का मतलब केवल यही सब नहीं है। आज तो इसका परिवेश विस्तृत हो चुका है, जिसमें आप ज्यूडिशियल काउंसलिंग से लेकर लीगल राइटिंग, आउटसोर्सिग जैसे क्षेत्रों में काम की गुंजाइश ढूंढ सकते हैं। पीजीडीएम इन पेटेंट लॉ, डिप्लोमा इन साइबर क्राइम, डिप्लोमा इन मीडिया लॉ, डिप्लोमा इन इंटरनेशनल चूमेनटेरियन लॉ जैसे एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स आपको अन्य बहुत से क्षेत्रों में पैर जमाने का अवसर देते हैं।
     
कॉरपोरेट काउंसिल- आज गलाकाट कॉरपोरेट प्रतिस्पर्धा के दौर में व्यावसायिक सलाहकार बडी जरूरत बनकर उभरे हैं। कॉरपोरेट लॉ में माहिर ये लोग लीगल ड्राफ्िटग से लेकर अधिग्रहण तक कई विषयों में अपनी कंपनी को मशविरा देते हैं। बढिया सैलरी, बेहतर वर्किग कंडीशन के बीच यह क्षेत्र लॉ ग्रेजुएट्स के लिए खासा उपयुक्त माना जाता है।
 
ज्यूडिशियल सर्विस- बदलाव तो कई आए लेकिन न्यायिक सेवाओं का जलवा अभी भी कायम है। सरकारी नौकरी का आश्वासन, न्यायपालिका की शक्तियां, सामाजिक दायित्व आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जिसके चलते आज बडी संख्या में युवा वकील व लॉ ग्रेजुएट इस ओर रुख कर रहे हैं।
   
लीगल राइटिंग- यदि अच्छे आला दर्ज का वकील बनना हैं तो आप सतत अध्ययन से भाग नहीं सकते। यही तथ्य आज अच्छे लीगल राइटर्स के लिए उपजाऊ अवसर पैदा कर रहा है। यदि आपके पास भी कानून की गहन जानकारी है? व लेखन, पसंदीदा विषय है तो आप भी लीगल राइटिंग के क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं। इन दिनों पब्लिकेशन हाउसेज केसाथ वेबसाइट्स में भी अच्छे लीगल राइटर्स की मांग है।
 
लॉ फ‌र्म्स- लॉ फ‌र्म्स अपने क्लाइंट का अदालत में प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं। ये फ‌र्म्स अपने नाम और पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक वकीलों, क्लर्को, ड्राफ्टर्स को जगह देते हैं। लॉ फ ‌र्म्स में अनुभवी व फ्रेशर दोनों के लिए अवसर होते हैं।

एकेडेमिक्स- वकालत की ओर युवाओं के बढते रुझान के चलते आज देश में कई लॉ स्कूल खुले हैं। कानून में स्नातक, परास्नातकों के पास इन कॉलेजों को बतौर लॉ फैकेल्टी ज्वाइन कर अपना और अपने छात्रों का भविष्य चमकाने का पूरा मौका है। इस फील्ड में उन्हें रिसर्च का भी मौका मिलता है।
  
एलपीओ (लॉ प्रोसेसिंग आउटसोर्सिग)- एलपीओ बेशक एक नया क्षेत्र है लेकिन आउटसोर्सिग के बढते चलन के बीच यहां अवसरों की रंगत अलग ही शमां बांध रही है। इसमें बडी बडी लॉ फ‌र्म्स, इन हाउस लॉ डिपार्टमेंट काम का बोझ कम करने तो कई?बार वित्तीय बचत के लिए विदेशी लॉ फ‌र्म्स या लीगल सपोर्ट सर्विस की सेवाएं लेते हैं। टेक्नोसेवी, बेहतर इंग्लिश, कानून की सटीक समझ रखने वाले लोग यहां काम का ग्लोबल दायरा तलाश सकते हैं। आप खुद कॅरियर का फैसला कर सकते हैं।

द्वारा -- सन्तोष कुमार पाण्डेय

November 16, 2012

एससीआरए, नौकरी का बेहतरीन प्लेटफॉर्म.....

LIBRARY, K V - BHADERWAH (J&K)


एससीआरए, नौकरी का बेहतरीन प्लेटफॉर्म.....


सपने तो सभी देखते हैं, लेकिन उसे साकार वही करता है, जो कठिन मेहनत करता है। अगर आप भी रेलवे में अधिकारी बनने का सपना देख रहे हैं और मैथ्स से बारहवीं है, तो आपके लिए यह बेहतर अवसर है। हाल ही में स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिसेज सर्विसेज एग्जामिनेशन के लिए आवेदन निकल चुके हैं।

आवश्यक योग्यता

इस परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से इंटरमीडिएट पीसीएम के साथ प्रथम या द्वितीय श्रेणी से पास होना जरूरी है। जहां तक उम्र सीमा की बात है, तो अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 17 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो।

600 की लिखित परीक्षा

इसकी परीक्षा दो चरणों में होती है। प्रथम चरण के अंतर्गत 600 अंकों की वस्तुनिष्ठ लिखित परीक्षा होती है, जिसके अंतर्गत जनरल एबिलिटी टेस्ट, फिजिकल साइंसेज और मैथेमेटिक्स के पेपर होते हैं। सभी के लिए अलग-अलग दो घंटे निर्धारित हैं। इसमें पास करने के बाद आपका पर्सनैल्टी टेस्ट होगा। इसके लिए 200 अंक निर्धारित हैं।

जनरल एबिलिटी है महत्वपूर्ण

इस परीक्षा में जनरल एबिलिटी टेस्ट काफी महत्वपूर्ण है। इसका प्रमुख कारण यह है कि बारहवीं साइंस के स्टूडेंट्स का जनरल एबिलिटी पेपर उतना मजबूत नहीं होता है। यही कारण है कि आईआईटी निकालने वाले स्टूडेंट्स भी इस परीक्षा में कठिनाई से पास करते हैं। जनरल एबिलिटी के अंतर्गत इंग्लिश, जनरल नॉलेज, साइकोलॉजिकल टेस्ट से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं। फिजिकल साइंसेज में फिजिक्स और केमिस्ट्री से प्रश्न होंगे। अंतिम पेपर मैथ्स के होते हैं। सभी प्रश्नों का स्तर बारहवीं के लेवल का होगा। जनरल नॉलेज के अंतर्गत मैन एंड इन्वायरमेंट, हिस्ट्री, पॉलिटिक्स एंड सोसाइटी ऑफ इंडिया आदि से प्रश्न पूछे जाएंगे। अंग्रेजी प्रश्न इस प्रकार के होंगे, जिनमें उम्मीदवार की समझ और भाषा पर अधिकार का पता लग सके।
 
साइकोलॉजिकल टेस्ट है अहम

साइकोलॉजिकल टेस्ट के माध्यम से उम्मीदवारों की बुनियादी जानकारी और यांत्रिक अभिरुचि का मूल्यांकन किया जाएगा। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स बारहवीं सिलेबस के अनुरूप होते हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि आप पिछले दस वषरें के प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। इससे आपको तैयारी में काफी सुविधा हो जाएगी और आप अपनी तैयारी भी बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

सिलेबस पर गहरी नजर

यह सही बात है कि परीक्षा देनेवाले सभी स्टूडेंट्स इस परीक्षा में सफल नहीं हो सकते हैं। किसी भी परीक्षा में सफलता उसी स्टूडेंट्स को मिलती है, जो परीक्षा पैटर्न के साथ-साथ सभी विषयों में अच्छी पकड बनाता है। सही तैयारी के लिए जरूरी है कि आप पहले सिलेबस को देखें और अपनी कमजोरियों को पहचानें। यह इसलिए जरूरी है कि इसमें कम संख्या में सीट होती है, लेकिन अभ्यर्थियों की संख्या काफी होती हैं। यदि कुछ कमजोरी रहेगी, तो आप इस परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकते हैं। साइंस के अभ्यर्थी का अपनी विषय पर तो काफी कमांड रहता है, लेकिन अंग्रेजी और जनरल एबिलिटी टेस्ट में पिछड जाते हैं। यदि आप इस परीक्षा को पास करने के लिए गंभीर हैं, तो एक विशेष रणनीति के तहत सबसे पहले अंग्रेजी को दुरुस्त करने की कोशिश करें। इसके लिए अंग्रेजी ग्रामर को ध्यान से पढें। हिस्ट्री के अंतर्गत प्राचीन इतिहास और आधुनिक भारत को ध्यान से पढें। स्वतंत्रता संघर्ष की और भी बेहतर ढंग से तैयारी करें, क्योंकि इस क्षेत्र से सर्वाधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। भारतीय संविधान के अंतर्गत भारतीय संसद, कार्यपालिका, न्यायपालिका, महत्वपूर्ण अनुच्छेद, राजनीतिक पार्टी आदि को ढंग से पढें। साइंस विषयों में जहां आप अधिक कमजोर हैं, सबसे पहले उन्हें दुरुस्त करने की कोशिश करें। इसके साथ ही बारहवीं तक की एनसीईआरटी की किताबें अवश्य पढें। इससे आपकी समझ बढेगी और बेहतर तैयारी में भी काफी मदद मिलेगी। यदि इस तरह की तैयारी करते हैं, तो आप लिखित परीक्षा में अवश्य पास होंगे।

आत्मविश्लेषण है जरूरी --

किसी भी परीक्षा में असफलता उसी को मिलती है, जिसमें आत्मविश्वास की कमी पाई जाती है। इंटरव्यू से पहले कई लोगों का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। आत्मविश्वास पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने मन में यह सोचें कि आप जीत की राह पर निकल चुके हैं और सफलता निश्चित है। आत्मविश्वास को किसी भी कीमत पर कम न होने दें। अगर आपको लगता है कि आप बहुत जल्द नर्वस हो जाते हैं तो उसके भी उपाय हैं। शीशे के सामने खडे होकर भी इंटरव्यू की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इससे आपको खुद को परखने का मौका भी मिलेगा, साथ ही आत्मविश्वास भी। आत्मविश्लेषण करना भी जरूरी है। इससे आप खुद की स्ट्रेंथ और वीकनेस, स्किल्स और टैलेंट को पहचानने में सफल होंगे। साथ ही साथ आप अपनी उपलब्धियों और कॅरियर के लक्ष्य को भी स्पष्ट कर सकते हैं।
इंटरव्यू के एजेंडा का पूर्वानुमान लगाना भी इंटरव्यू की तैयारी के लिए बेहतर ऑप्शन है। पूर्वानुमानित प्रश्नों की लिस्ट बनाएं और उत्तर देने की कोशिश करें। अगर आप सभी प्रश्नों का उत्तर संतोषजनक और तर्कपूर्ण देने में सफल होते हैं, तो आपको इंटरव्यू में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
 
BY-- LIBRARIAN  

November 8, 2012

करेंट अफेयर्स

LIBRARY, K V BHADERWAH
 
--करेंट अफेयर्स--
 
 
 
 
--चन्द्रशेखर कम्बर, जिन्हें हाल ही में भारतीय साहित्य जगत के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया है, किस भाषा में साहित्य रचनाएं करते हैं? - कन्नड
 

-असम में उत्तर कछार पर्वतीय स्वायत्त परिषद को स्वायतता देने के बारे में 9 अक्टूबर 2012 को किए गए एक त्रिपक्षीय समझौते में कौन-कौन से तीन पक्ष शामिल थे?

- केन्द्र सरकार, असम सरकार तथा दीमा हलाम दाओगाह के दोनों गुटों के प्रतिनिधि

-वित्तीय सेवाओं की पहुंच को और प्रभावी बनाने के लिए गठित एक उच्च

-स्तरीय समिति का अध्यक्ष किसे बनाया गया है? - के.सी. चक्रवर्ती (भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर)

-भारत के किस अर्ध-सैनिक बल का 50वां स्थापना दिवस वर्ष 2012 में मनाया गया? - भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी)

-5+5 शिखर सम्मेलन 2012 के अक्टूबर माह में कहां आयोजित किया गया? - माल्टा

-5+5 शिखर सम्मेलन का क्या महत्व है? - इसमें भूमध्य सागर के आस-पास यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीप में बसे 5 - 5 देश आर्थिक प्रगति बढाने के उद्देश्य से भाग लेते हैं

-5+5 शिखर सम्मेलन में शामिल 5 यूरोपीय देश कौन से हैं? - फ्रांस, स्पेन, इटली, पुर्तगाल तथा माल्टा
 
- जलपरी- द डेजर्ट मरमेड- नामक भारतीय फिल्म हाल ही में क्यों चर्चा में आई है? - इस फिल्म ने प्रतिष्ठित कान्स फिल्म समारोह में ट.क.ढ. जूनियर किड्स ज्यूरी पुरस्कार 2012 जीतने में सफलता प्राप्त की है

-हाल ही में तमिलनाडु विधानसभा के इतिहास में दूसरा दलित विधानसभा अध्यक्ष बनने में कौन सफल रहा? - पी. धनपाल (अन्नाद्रमुक के विधानसभा सदस्य - राज्य की विधानसभा के पहले दलित विधानसभा अध्यक्ष जे. सिवाशंमुगम पि-ै थे (1946 से 1955 तक)
 
-निजी क्षेत्र के ­एचडीएफसी बैंक ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के किस प्रतिष्ठान के साथ समझौता कर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने की दिशा में कदम बढाया है? - इडिंयन ऑयल कार्पोरेशन (इसके तहत इण्डियन ऑयल के किसान सेवा केन्द्र बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करेंगे)

-केन्द्र सरकार ने 5 अक्टूबर 2012 को देश के किन 5 हवाई अड्डों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का पूर्ण दर्जा प्रदान करने की घोषणा की? - कोयम्बटूर, मंगलूर, लखनऊ, तिरुचिरापल्ली तथा वाराणसी

-भाजपा के पूर्व राज्य सभा सदस्य रहे बी.पी. सिंघल, जिनका हाल ही में निधन हुआ था, किस राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं? - उत्तर प्रदेश --