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प्रयास आखिरी सांस तक करना चाहिए, या तो लक्ष्य हासिल होगा या अनुभव दोनों ही बातें अच्छी है.

December 24, 2012

वन डोर फॉर डॉक्टर्स


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वन डोर फॉर डॉक्टर्स ----


देशभर के मेडिकल एवं डेंटल कालेजों में साल 2013 में एडमिशन उन्हीं मेधाओं को मिल पाएगा, जो सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा आयोजित कॉमन इंट्रेंस एग्जाम नीट की कसौटी पर खरी उतरेंगीं। इस एग्जाम के माध्यम से देशभर के 271 (138 + 133 गैर सरकारी) मेडिकल कालेजों में एडमिशन दिए जाने का प्रावधान है। अब नीट के माध्यम से 31 हजार एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि एम्स दिल्ली, अजमेर, पुदुचेरी जैसे कुछ मेडिकल कॉलेजों को अलग से इंट्रेंस टेस्ट लेने की इजाजत दी गई है। एग्जाम 5 मई, 2013 को है। यदि आपने नीट क्लीयर कर लिया है तो मेरिट के आधार पर मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2012 है।

एकल परीक्षा कॉन्सेप्ट का बढा क्रेज
देश में 5 मई, 2013 को होने वाली कॉमन इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा आयोजन व छात्रों की सुविधा के लिहाज से काफी प्रभावी मानी जा रही है। इसके चलते जहां विभिन्न पैटर्न की परीक्षाओं व उसकी भारी-भरकम फीस से गार्जियन को निजात मिलेगी, वहीं स्टूडेंट्स को फॉर्म लेने के लिए बार-बार बैंकों व संस्थानों के चक्कर भी नहीं काटने होंगे। अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल के लिए एक ही इंट्रेंस एग्जाम की वर्षो से डिमांड थी। इस टेस्ट में मिलने वाले अंकों के आधार पर प्रत्याशियों को दो रैंकिंग मिलेंगी। पहली रैंक ऑल इंडिया स्तर पर और दूसरी रैंक स्टेट लेवल पर होगी। आपके लिए जरूरी है कि आप इस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करके खुद को डॉक्टर बनने का सपना साकार कर सकते हैं।

एग्जाम का पैटर्न
नीट में सारे प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किग का भी प्रावधान रखा गया है। प्रश्नपत्र में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बॉयोलॉजी पर आधारित 180 प्रश्न होंगे। यह टेस्ट तीन घंटे यानी 180 मिनट का होगा। इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, जियोलॉजी और बॉटनी के 45-45 प्रश्न पूछे जाएंगे। तीन घंटे की इस परीक्षा में भारतीय भाषाओं सहित अंग्रेजी माध्यम में भी परीक्षा देने का विकल्प है। सब्जेक्ट वाइज सारे प्रश्न खंडवार हो सकते हैं। यदि आप किसी भी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो सबसे पहले जरूरी है कि आप परीक्षा से संबंधित पैटर्न को ध्यान से देखें और उसी के अनुरूप तैयारी को अंतिम रूप दें। अगर आप अपनी तैयारी रणनीति के तहत करते हैं, तो कोई कारण नहीं कि आप इस परीक्षा में सफलता प्राप्त न कर सकें।

आधारभूत समझ जरूरी
परीक्षा देते समय कौन से सवाल हल करने हैं, इसका चयन बुद्धिमत्ता से करना होगा। दरअसल इस परीक्षा में आने वाले अमूमन 25 फीसदी प्रश्न अपेक्षाकृत आसान, 60 फीसदी औसत व 15 फीसदी प्रश्नों का स्तर काफी ऊंचा होता है। ऐसे में यदि आप आसान व औसत प्रश्नों को हल कर लेते हैं, तो भी आप कट ऑफ में आसानी से जगह बना सकते हैं। वहीं आखिर में बचे हुए कठिन प्रश्नों से कुछेक प्रश्नों के सही जवाब देकर आप मेरिट के बारे में भी सोच सकते हैं।एनसीईआरटी की किताबें बोर्ड एग्जाम की दृष्टि से तो कारगर होती ही हैं, कंपटीशन के नजरिए से भी उपयोगी हैं। विषय की आधारभूत समझ विकसित करने में इनका कोई जोड नहीं होता। पूर्व टॉपर्स?का अनुभव भी बताता है कि किताब की भाषा ही अपने आप में कई प्रश्नों का हल होती है। ऐसे में इसका गहराई से अध्ययन करें तो कई डाउट्स क्लियर हो सकते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि कॉन्सेप्चुअल थ्योरी से लेकर न्यूमेरिकल्स तक, एनसीईआरटी से बनाए गए नोट्स का ही छात्र गहनता से अध्ययन कर लें तो तिलिस्म टूटने में देर नहीं लगने वाली। तीनों विषयों के उचित अध्ययन का तरीका यह है कि हर विषय का प्रत्येक पाठ और प्रत्येक टॉपिक की उचित समय सारिणी बना लें। मिश्रित कांसेप्ट वाले प्रश्नों को हल करने के लिए विश्लेषणात्मक कौशल की आवश्यकता होती है। प्रत्येक पाठ के अध्ययन के बाद रिवीजन, नोट एवं समरी बनाने से परीक्षा के कुछ पूर्व तेजी से रिवीजन करने में मदद मिलती है। बौद्धिक क्षमता को निरंतर बढाना चाहिए। सीखने की समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता के अनुप्रयोगों का विकास प्रत्येक छात्र के अंदर होना चाहिए।

फंडामेंटल कांसेप्ट है कुंजी
मेडिकल की परीक्षा में देश भर के स्टूडेंट्स सम्मिलित होंगे। इस कारण आपको देश भर के मेधावी स्टूडेंट्स से पार पाना होगा। इस तरह की परीक्षा में सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स को मिल सकती है, जिसका बेसिक्स क्लियर होगा। बेसिक्स और फंडामेंटल कांसेप्ट से ही प्रश्नों को हल करना चाहिए। अगर आप इसमें महारत हासिल करना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे जरूरी है कि आप एक ही प्रश्न के कई समानांतर हल ढूंढने का प्रयास करें। इस तरह की रणनीति बनाकर तैयारी करने से विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास होता है और प्रश्नों के स्टैंडर्ड के अनुसार स्टूडेंट्स तैयारी करने में भी सफल होता है।
  
हल करें मॉक टेस्ट
नीट सीबीएसई द्वारा संचालित की जा रही है। इसलिए एनसीईआरटी की पुस्तकों के विषयवस्तु को ध्यान से पढने के साथ दिये गये चित्रों पर सूक्ष्म रूप से ध्यान देना होगा। बेहतर तैयारी के लिए संक्षेपण विधि का प्रयोग करें। यदि आपको एक प्रश्न में दस बिन्दु याद करने हैं, तो इनका संक्षेपण करें। ऐसे प्रश्नों की सूची तैयार करें जो आपको कठिन लगते हैं। प्रतिदिन भिन्न -भिन्न नोट्स का संग्रहण करना छोड दें। केवल उन्हीं नोट्स का अध्ययन करें, जो आपके लिए सुविधाजनक और उपयोगी हों। स्टूडेंट यदि एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों में दिये गये अभ्यास प्रश्नों को हल करेगा तो नि:संदेह एग्जाम में बढिया करेगा।
     

रिवीजन से पास आती कामयाबी
नीट में कामयाबी के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पर मजबूत पकड बनानी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इसमें सब्जेक्ट वाइज रिवीजन किया जाए तो सफलता की कहानी लिखी जा सकती है.

फिजिक्स
बेसिक्स पर पकड दिलाएगी सफलता
नीट की तैयारी के लिहाज से फिजिक्स बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें अच्छी स्कोरिंग का मतलब है नीट में बेहतर स्कोर। लिहाजा इसमें ढील देने का कोई मतलब नहीं। चूंकि यह परीक्षा के इस प्रारूप का पहला ही साल है इसलिए इसके बारे में ज्यादा कयासबाजी करना भी ठीक नहीं होगा। बेहतर तो यह होगा कि इस दौरान आप अपने बेसिक्स पर सबसे ज्यादा ध्यान दें और कोशिश करें कि स्कूल में फिजिक्स पर पढाई पर पूरा ध्यान दें। बहुत मुमकिन है कि नीट में आने वाले प्रश्न आपके 11-12वीं सिलेबस से ही हों। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि फिजिक्स में बेसिक्स पर बेहतर पकड से अच्छा स्कोर लाया जा सकता है। हर एक प्रश्न के फार्मूलों का अभ्यास आपको सफल लोगों की श्रेणी में खडा कर सकता है। फिजिक्स में थर्मोडायनामिक्स, ऑसीलेशन एंड वेव्स, काइनेमेटिक्स, लॉ ऑफ मोशन, वर्क एंड एनर्जी पर विशेष ध्यान दें। इसके साथ ही इलेक्ट्रोस्टैटि-क्स, ऑप्टिक्स, एटम्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स, मैग्नेटिक इफेक्ट्स ऑफ करेंट, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन और करेंट इलेक्ट्रिसिटी को यदि प्वाइंट टू प्वाइंट ध्यान से पढेंगे तो नीट में जरूर अच्छा करेंगे। एनसीईआरटी की पुस्तकों से छात्रों को थ्योरी पढने के बाद किसी अच्छे प्रश्न बैंक से प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है।

केमिस्ट्री
11वीं से ही कर दें शुरुआत
कहते हैं प्रैक्टिस मेक ए मैन परफेक्ट । ठीक यही चीज इस परीक्षा में लागू होती है। कहने का अर्थ यह कि यदि आप नीट की तैयारी को अगले दर्जे पर ले जाना चाहते हैँ तो स्कूल की पढाई पर सबसे ज्यादा फोकस करें। इस दौरान आपने नीट में आने वाले विषय, उनके कॉसेप्ट की अच्छी जानकारी अर्जित की है तो आप खुद देखेंगे कि इस परीक्षा की आधी तैयारी तो स्कूल में रहते ही पूरी हो जाएगी। इस लिहाज से कैमेस्ट्री की चर्चा करें तो ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में आपके सारे फंडामेंटल क्लियर होने चाहिए, क्योंकि सारे प्रश्न इसी पर आधारित होते हैं। पूरी ऑर्गेनिक केमिस्ट्री रिएक्शन मैकेनिज्म पर आधारित होती है। बिना रिएक्शन समझे अच्छा स्कोर संभव नहीं है। फिजिकल केमिस्ट्री पर अच्छी पकड बनाने के लिए अधिक से अधिक न्यूमेरिकल और बेसिक प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। स्टूडेंट यदि ग्यारहवीं से ही एस ब्लॉक और पी ब्लॉक इलीमेंट, क्लासीफिकेशन ऑफ इलीमेंट, हाइड्रोजन, हाइड्रोकार्बन, बेसिक कॉन्सेप्ट ऑफ केमिस्ट्री, क्लासीफिकेशन ऑफ एलिमेंट्स तथा स्ट्रक्चर ऑफ एटम पर ध्यान देना शुरू कर दें तो नीट में बेहतर करने की स्थिति में होंगे। वैसे आप अपनी सुविधा के अनुसार स्ट्रेटेजी बना सकते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप क्या स्ट्रेटेजी बनाते हैं।

बॉयोलॉजी
रिवीजन है महत्वपूर्ण
मेडिकल की तैयारी में रिवीजन का महत्वपूर्ण रोल है। जितना ज्यादा रिवीजन करेंगे और पुराने पेपर के प्रश्नों को हल करेंगे, सफलता के उतने ही करीब पहुंचेंगे। बायोलॉजी में क्लासीफिकेशन,एनीमल फिजियोलॉजी, एंजियोस्पर्म एप्लीकेशन बायोलॉजी से अधिक प्रश्न आने की संभावनाएं हैं। जेनेटिक्स एवं साइटोलॉजी भी महत्वपूर्ण हैं। स्टूडेंट को चाहिए कि ग्यारहवीं में प्लांट फिजियोलॉजी,स्ट्रक्चर ऑफ एनिमल एंड प्लांट्स, चूमन फिजियोलॉजी तथा सेल स्ट्रक्चर एंड फंक्शन के प्वाइंट्स को एकाग्रचित होकर पढंे तो नीट में बेहतर कर सकते हैं। बारहवीं में जेनेटिक्स, इकोलॉजी एंड इंवॉयरमेंट , रिप्रोडक्शन तथा बायोटेक्नोलॉजी पर पकड आपको सफलता की श्रेणी में खडा कर देगी।

उत्तर देने में न करें जल्दबाजी
अक्सर देखा जाता है कि छात्र परीक्षा हाल में हडबडी में या कई बार अतिआत्मविश्वास में गलतियां कर जाते हैं। नतीजतन योग्य होते हुए भी वे मनचाहें परिणाम की दहलीज पार नहीं कर पाते। इस कारण अहम होगा कि छात्र परीक्षा हॉल में प्रश्न को सोच समझ कर हल करें। जल्दबाजी में दिये गये उत्तर के गलत होने की आशंका बढ जाती है। इसलिए यदि कांफिडेंट हैं तभी उत्तर दें वर्ना एक चौथाई नंबर कटने से कोई नहीं रोक पाएगा। थोडा सा दिमाग लगाकर प्रश्नों को सॉल्व करेंगे तो बेहतर होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि परीक्षा में आने वाले अमूमन 25 फीसदी प्रश्न आसान, 60 फीसदी औसत व 15 फीसदी प्रश्नों का स्टैंडर्ड हाई होता है। ऐसे में यदि आप आसान व औसत प्रश्नों को हल कर लेते हैं, तो भी आप कट ऑफ में आसानी से जगह बना सकते हैं। वहीं आखिरी में बचे हुए कठिन प्रश्नों में कुछेक प्रश्नों के सही जवाब देकर आप मेरिट के बारे में सोच सकते हैं।एनसीईआरटी की किताबें नीट के लिए उपयोगी हैं। विषय की आधारभूत समझ विकसित करने में इनका कोई जोड नहीं होता। पूर्व टॉपर्स का अनुभव भी बताता है कि किताब की भाषा ही अपने आप में कई प्रश्नों का हल होती है। ऐसे में इसका गहराई से अध्ययन करें तो कई डाउट्स क्लियर हो सकते हैं। कॉन्सेप्चु- अल थ्योरी से लेकर न्यूमेरिकल्स तक, एनसीईआरटी से बनाए गए नोट्स का ही छात्र गहनता से अध्ययन कर लें तो तिलिस्म टूूटने में देर नहीं लगने वाली।

समय का रखें ख्याल
यूं तो किसी भी परीक्षा में बेहतर करने के लिए आपको समय का खास ख्याल रखना होता है। लेकिन नीट में अव्वल आने के लिए समय की अहमियत और बढ जाती है। यहां अपना सर्वश्रेष्ठ देने के साथ आपको यह कोशिश भी करनी होगी कि अपना बेस्ट तय समय के भीतर ही दें। परीक्षा में आने वाले कई कैलकुलेशन बेस्ड जटिल सवालों को देखते हुए तय वक्त में पेपर हल करने की रणनीति बहुत काम आने वाली है। अगर जेईई मेन में सफल होना है, तो दिसंबर तक अपनी पढाई पूरी कर लेनी होगी। उसके बाद फॉर्मूला और रिजल्ट का एक नोट्स रीविजन की दृष्टि से तैयार करना श्रेष्ठकर हो सकता है। प्रश्नपत्र सीबीएसई के एक्सपर्ट तैयार करेंगे, इस कारण प्रश्न ज्यादा कठिन न होकर इंटेलीजेंट हो सकता है। ओवरऑल देखा जाए तो यह टेस्ट नॉलेज के साथ साथ स्पीड और एक्यूरेसी का होगा। इस कारण कम समय में अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करना सफलता के काफी करीब पहुंचा सकता है। एनसीईआरटी पुस्तक को दिसंबर तक खत्म करने के बाद प्रैक्टिस के लिए आईआईटी में पूछे गए सिंगल च्वाइस वाले सवालों को समझकर हल करने से आपकी तैयारी बेहतर हो सकती है। हो सकता है कि आप जिस टॉपिक में आसान प्रश्न पूछे जाने की संभावना लेकर परीक्षा हाल में जा रहे हैं, उससे कठिन और जिसे आप कठिन समझकर न पढे, उससे आसान सवाल पूछे जा सकते हैं। इस कारण सभी टॉपिक की तैयारी अच्छी तरह से करें।

खुद पर भरोसा है जरूरी
इस परीक्षा में सफलता तभी मिल सकती है, जब खुद पर विश्वास हो कि आप कामयाबी पा सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा में असफलता आम बात होती है। तैयारी के दौरान कभी भी यह न सोचें कि आप इस परीक्षा में औरों के मुकाबले कमजोर हैं। एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स को एक समय उनकी ही बनाई कंपनी से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी नई कंपनियां शुरू कीं, जो सिलिकॉन वैली की सबसे चमचमाता नाम बन गई।
 
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December 17, 2012

करेंट अफेयर्स------ BY--- S K PANDEY


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करेंट अफेयर्स----


-केन्द्रीय कैबिनेट की आर्थिक मुद्दों की समिति ने महारत्न श्रेणी के सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय तापीय ऊर्जा निगम में अपनी कितने प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय 22 नवम्बर 2012 को लिया?

- 9.5 प्रतिशत (जिससे लगभग 13,000 करोड रुपए प्राप्त होने की सरकार को आशा है)

-सरकारी क्षेत्र का प्रमुख उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम अपने कार्पोरेट जिम्मेदारी के प्रयासों के अंतर्गत लगभग 50 करोड रुपए की लागत से किस शहर में एक क्रिकेट स्टेडियम बनवाने जा रहा है? - देहरादून

-मालदीव की राजधानी में किस नाम से एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनवाया जा रहा था, जिसको बनाने का भारत के जी.एम.आर. समूह को दिया गया ठेका वहां की सरकार से रद्द कर दिया?

- इब्राहीम नसीर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

-उत्तर प्रदेश के वृन्दावन के लिए दिल्ली से शुरू की गई हेलीकॉप्टर सेवा, जिसको उत्तर प्रदेश पर्यटन और भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मिलकर शुरू किया गया है, को किस कम्पनी के हेलीकाप्टरों द्वारा संचालित किया जा रहा है?

- पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड

-भारत की टाटा ऑटोमोबाइल्स ने किस पडोसी देश में नवम्बर 2012 में अपनी पैसेंजर कार के विपणन का कार्य शुरू किया है?

- बांग्लादेश

-1 अप्रैल 2013 से भारत के सबसे बडे स्टाक एक्सचेंज की अध्यक्षा और प्रबंध निदेशिका का पद कौन संभालेगा?

- चित्रा रामकृष्णा

-28 नवम्बर से 3 दिसम्बर 2012 के बीच मुम्बई के पास भारत और रुस के बीच आयोजित संयुक्त सैनिक अभ्यास को क्या नाम दिया गया था?

- इन्द्रा

-भारत का कौन सा शहर नेत्रहीनों के लिए पहला टी-20 क्रिकेट विश्व कप आयोजित करेगा?

- बेंगलूर

-भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित कच्छ के रन में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच अत्याधुनिक एवं हर मौसम के लिए उपयुक्त फेंसिंग (चाहरदीवारी) बनाने का काम किन दो संगठनों को दिया गया?

- केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम

-छोटे एवं मझले व्यवसाइयों को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से इण्डिया ऑपर्च्युनिटी वेंचर फण्ड की स्थापना किस वित्तीय संस्था ने की है?

- सिडबी

-केन्द्र सरकार भारत के किस राज्य में देश का पहला भू-तापीय विद्युत ऊर्जा केन्द्र स्थापित करने की योजना बना रहा है?

- जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में

-1 जनवरी 2013 से समेत कई बैंकों द्वारा अनिवार्य किए जाने वाले चेक का विस्तार क्या है?

-लक्ष्मी मित्तल का विवादास्पद इस्पात संयंत्र फ्रांस के किस स्थान पर स्थित है, जहां के मजदूरों के भविष्य के लिए उनकी कम्पनी को फ्रांसीसी सरकार से एक समझौता करना पडा था?

- फ्लोरेंज

 
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December 4, 2012

CURRENT UPDATES......


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देश का जायजा

-शिव सेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे(86) नहीं रहे। मातोश्री में ली अंतिम सांस। अपने बेवाक व कट्टर हिंदूवादी रुख के लिए मशहूर ठाकरे पिछलेकुछ वक्त से बीमार चल रहे थे।
-शराब कारोबारी गुरदीप सिंह चड्ढा उर्फ पोंटी चड्ढा की आपसी गाोलाबारी मे मौत। भाई हरदीप भी मृत। माना जा रहा है दोनों भाइयों में संपत्ति विवाद के चलते ये झडप हुई।
-पटना में छठ पूजन के दौरान मची भगदड में 20 की मौत। कई जख्मी। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं व बच्चे।
-26/11 मुंबई हमले का दोषी लश्कर आतंकी अजमल कसाब फांसी पर लटकाया गया। पुणे की यरवाडा जेल में हुई दी गई फांसी।
-रंजीत सिन्हा होंगे सीबीआई के नए निदेशक। वे यहां एपी सिंह की जगह लेंगें। 1974,बिहार कैडर के आईपीएस ऑफीसर सिन्हा अब तक इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस के महानिदेशक के पद पर थे।

घूमती दुनिया
-इजिप्ट में स्कूल बस-ट्रेन में टक्कर। करीब 50 बच्चों की मौत। फाटक विहीन क्रॉसिंग बनी हादसे की वजह।
-चार महीने अंतरिक्ष में गुजार वापस धरती लौटीं सुनीता विलियम्स। कजाकिस्तान के अर्कालिक अंतरिक्ष स्टेशन पर उतरीं सुनीता। रूसी अंतरिक्ष यात्री यूरी मालेनशेनको व जापान के अकिहिको होशिदे भी वापस आए।
-अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा म्यांमार यात्रा पर। म्यांमार जाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने।
-करीब 200 जानें लेकर शांत हुआ इजरायल। अंतरराष्ट्रीय दबाव व इजिप्ट की मध्यस्थता के चलते इजरायल-हमास के बीच एक हफ्ते से चल रही खूनी झडपें रुकीं। गाजा में अब शांति।

खेल का रोमांच
- मैक्लॉरेन के लुइस हैमिल्टन ने अमेरिकी ग्रांड प्रिक्स जीत दर्ज की कॅरियर की 21 वीं जीत।
- में माइकल क्लार्क ने ठोंका दोहरा शतक। यह क्लार्क का लगातार दूसरा दोहरा शतक है। गौरतलब है कि एक साल में एक तीसरा व तीन दोहरे शतक बनाने वाले क्लार्क दुनिया के अब तक के इकलौते बल्लेबाज हैं।
-राडेक स्टेपनाक व टॉस बर्डिग ने दिलाया चेक गणराज्य को पहला डेविस कप खिताब। फाइनल में स्पेन को पराजित कर हासिल की उपलब्धि।

अर्थ का तंत्र
-आठ कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द। अंतर मंत्रालयी समूह ने लिया फैसला। गुजरात अंबुजा सीमेंट,ग्रासिम इंडस्ट्रीज,इलेक्ट्रोथर्म इंडिया आवंटन गंवाने वाली मुख्य कंपनियां। तय समय पर उत्पादन शुरू न कर पाना बनी वजह।
-पंजाब सरकार रियल स्टेट के लिए जारी करेगी नई नीति। रियल स्टेट को मिल सकता है उद्योग का दर्जा।
-टाटा के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर ने रखी चीन में अपने पहले संयंत्र की नींव। चीनी साझीदार शेरी के साथ संयुक्त उपक्रम के तहत शुरू होगी परियोजना।
-सरकार का एनटीपीसी के 9.5 फीसदी शेयर बेंचने का फैसला। 13000 हजार करोड राजस्व की उम्मीद।
  
सुर्खियां हफ्ते भर-लाइबेरिया की राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ को मिलेगा इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार। लाइबेरिया की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति सरलीफ को देश को अर्थिक मंदी से निकाल प्रगति के पथ पर लाने का श्रेय दिया जाता है।
-भारतीय मूल की विशाखा देसाई को अमेरिका में खास पद। ओबामा प्रशासन के एक निर्णय में विशाखा को नेशनल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सर्विस बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया।
-भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज को ब्रिटेन के सबसे प्रभावशाली एशियाई लोगों में जगह।
-अमिताभ बच्चन को फिर ऑस्ट्रेलियाई सम्मान। उन्हें यह सम्मान भारतीय सिने जगत में उनके योगदान के लिए दिया गया।
  
पूरा नाम-बाला साहेब केशव ठाकरे
जन्म- 23 जनवरी,1926, पुणे (तत्कालीन मुंबई प्रेसीडेंसी)
पार्टी-शिवसेना (1966 में स्थापित)
पेशा- कार्टूनिस्ट, राजनीतिज्ञ
प्रमुख पत्र- मार्मिक (मराठी) सामना (मराठी), दोपहर का सामना(हिंदी)
मृत्यु-17 नंवबर 2012
 
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November 28, 2012

इंश्योरेंस कॅरियर का ब्राइट सेक्टर



इंश्योरेंस कॅरियर का ब्राइट सेक्टर........



 वैश्वीकरण के इस दौर में सूचना प्रौद्योगिकी ने व्यक्ति की सोच का दायरा ही नहीं बढाया बल्कि जिम्मेदारियों का अहसास कराया है। यही कारण है कि लोग भविष्य को लेकर प्लानिंग करने लगे हैं। इसी कारण इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर की उज्ज्वल संभावनाएं बढी हैं। शहरों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंश्योरेंस के प्रति बढी जागरुकता ने कॅरियर को हॉट बना दिया हैं। अब तो हाई प्रोफाइल लोग भी इससे जुडने लगे हैं।

व्हाई टू स्टडी इंश्योरेंस
कॅरियर की दृष्टि से इंश्योरेंस सेक्टर को सुरक्षित माना जा सकता है। यदि आप इंश्योरेंस से रिलेटेड कोर्स करने का प्लान कर रहे हैं तो विशेषज्ञ मानते हैं कि यह निर्णय आपके हित में हो सकता है, क्योंकि नई-नई कंपनियों के इंश्योरेंस के क्षेत्र में कदम रखने से इसमें भविष्य में संभावनाएं दिख रही हैं। यदि आपकी कम्यूनिकेशन स्किल्स बढिया है तो इंश्योरेंस सेक्टर में स्कोप की कमी नहीं है। असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफीसर से लेकर एजेंट के रूप में कॅरियर को ऊंचाइयां दे सकते हैं। भारत में इंश्योरेंस सेक्टर का भविष्य विशेषज्ञ इसलिए भी अच्छा मानते हैं कि यहां आज भी बडी संख्या में लोगों का इंश्योरेंस नहीं है। अन्य देशों की तुलना में यहां इंश्योरेंस के प्रति लोग कम जागरुक हैं, जिन्हें जागरुक करने का कार्य बीमा कंपनियां कर रही हैं और उन्हें सफलता भी मिल रही है। इससे इसमें ब्राइट कॅरियर के चांसेज बढे हैं।

जरूरी स्किल्स
-जिज्ञासु प्रवृत्ति
-अच्छी कम्युनिकेशन पॉवर
-ऑब्जर्वेशन क्षमता
-लक्ष्य के प्रति समर्पण
-लम्बे समय तक कार्य करने की क्षमता
-टीम के प्रति समर्पण

एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
10+2 उत्तीर्ण हैं तो इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर के ब्राइट ऑप्शन हो सकते हैं। आप बीए-इंश्योरेंस में एडमिशन ले सकते हैं या फिर एजेंट के रूप में कॅरियर शुरू का सकते हैं। साइंस सब्जेक्ट से बारहवीं उत्तीर्ण हैं तो बीएससी एक्चुरियल साइंस की पढाई कर भविष्य को गति दे सकते हैं। इंश्योरेंस मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के लिए स्नातक होना जरूरी है। इसमें सर्टिफिकेट से लेकर मास्टर डिग्री कोर्स तक उपलब्ध हैं। 
 
पद और कार्य
इंश्योरेंस सेक्टर में एंजेंट के रूप में कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। इंश्योरेंस एजेंट के रूप में चयन होने के बाद संबंधित इंश्योरेंस कम्पनी सौ घंटे की ट्रेनिंग देती है। ट्रेनिंग पूरा होने के बाद इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) द्वारा आयोजित ऑनलाइन एग्जॉम उत्तीर्ण करना होता है। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कैंडिडेट्स संबंधित कम्पनी में एजेंट के रूप में कार्य करना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा कुछ संस्थान संबंधित कोर्स कराते हैं। इंश्योरेंस क म्पनी में एजेंट के अलावा डेवलपमेंट ऑफीसर, सर्वेयर, मार्केटिंग मैनेजर आदि के रूप में कार्य शुरू कर सकते हैं। एक्चुअरी प्रोफेशनल्स निधन, बीमारी, दुर्घटना तथा विकलांगता आदि की स्थिति में जोखिम का आकलन करते हैं और तय करते हैं कि बीमित व्यक्ति को कितनी धनराशि प्रदान की जानी चाहिए। एक्चुअरी के रूप में कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स की मैथमैटिक्स एवं स्टैटिस्टिक्स पर अच्छी पकड होनी चाहिए।

सैलरी पैकेज
इंश्योरेंस सेक्टर में शुरुआती दौर में 15 से 20 हजार रुपए सेल्स मैनेजर के रूप में अर्जित कर सकते हैं। इस फील्ड में अच्छाई है कि इसमें कई तरह के अलाउंस मिलते हैं। अनुभव बढने के साथ प्रति माह 30 से 50 हजार रुपए सैलरी रूप में अर्जित की जा सकती है। 
 
प्रमुख संस्थान
-यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली
-बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
-अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ
-बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
-कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
-आईआईटी, मुम्बई


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November 20, 2012

कॅरियर का सही जजमेंट


पुस्तकालय , केन्द्रीय विद्यालय - भद्रवाह
 
कॅरियर का सही जजमेंट---


फिल्मों में तो आपने कई बार अदालत के सीन देखे होंगे और बचपन के खिलंदडे में ऑर्डर-ऑर्डर के खेल भी खूब खेले होंगे। लेकिन आज बचपन के इसी खिलवाड में भविष्य के कई सपने छिपे दिखते हैं। वो सपने जो केवल कॅरियर को मंजिल ही नहीं देते बल्कि सकडों-हजारों लोगों को न्याय, सच्चाई?की मुकम्मल राह भी दिखाते हैं। हम बात कर रहे हैं न्यायपालिका में मौजूद कॅरियर के रास्तों की। जहां आप वह सब पा सकेंगे, जिसके ख्वाब आपने जागती आंखों से देखे होंगे। वैसे भी आज के दौर में जब समाज तेजी से आत्मकेंद्रित हो रहा है। अपनों का दायरा लगातार कम हो रहा है। ऐसे कॅरियर विकल्प कम ही बचे हैं जो व्यवस्था में आम जनमानस के भरोसे को कायम रखें। यदि आप इस भरोसे को जिंदा रखने की कवायद में हिस्सेदार बनना चाहते हैं व कायम रखना चाहते हैं देश की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराएं तो न्यायपालिका, कॅरियर की सही राह है। यहां आप क्लैट यानि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के जरिए अपने मनचाहे मुकाम तक पहुंच सकते हैं। सभी को यह सुविधा सुलभ हो और कानून की पहुंच आमलोगों तक हो, इसके लिए हर वर्ष 9 नवंबर को नेशनल लीगल सर्विस डे मनाया जाता है।
      
जानें क्लैट को
न्यायपालिका के क्षेत्र में प्रवेश करने का यह एक प्रमुख रास्ता है। इसकी शुरुआत साल 2010 में मानव संसाधन मंत्रालय व यूजीसी (यूनियन ग्रांट कमीशन) की पहल पर हुई। इस पहल के पीछे अहम थी सर्वोच्च न्यायालय मे दाखिल जनहित याचिका। जिसमें कहा गया था कि क्यों न ऐसी एकीकृ त प्रवेश परीक्षा शुरू की जाए जो भविष्य के वकीलों को बेहतर कानूनी दृष्टिकोण प्रदान करे। इससे पहले तक लॉ कॅरियर की राह थोडी अलग थी, जिसमें इंट्री (एलएलबी कोर्स) के लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना आवश्यक था लेकिन अब क्लैट के आ जाने से 10+2 के बाद ही छात्र इसके डिग्री प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं। क्लैट का इस्तेमाल देश के 14 नेशनल लॉ स्कूल/ यूनिवर्सिटीज अपने अंडर ग्रेजुएट (एलएलबी) व पोस्ट ग्रेजुएट एलएलएम) प्रोग्रामों में प्रवेश हेतु करते हैं। आप इससे संबंधित कोर्स करके कॅरियर बना सकते हैं।
      
एग्जाम का लेखा जोखा
कहा जाता है न्यायिक तंत्र तभी बेहतर ढंग से कार्य करता है, जब उसका प्रत्येक अंग अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर व तजुबर्ेकार हो। क्लैट एग्जाम का लक्ष्य ऐसी ही सोच वाले युवाओं का चयन करना है। यह परीक्षा हर साल मई माह में आयोजित होती है, जिसमें मैथ्स, इंग्लिश, जनरल नॉलेज, लीगल एप्टीट्यूड, लॉजिकल रीजिंनग से जुडे प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्नपत्र की अवधि 2 घंटे की है व इसमें कुल 200 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं। प्रश्नों का स्तर 12वीं के आस-पास होता है।
 
क्या है योग्यता का दायरा
क्लैट का खाका कुछ ऐसे खींचा गया है कि न्यायालयों को ताजा सोच से लैस युवा मिल सकें। यही वजह है कि इसके अंडरग्रेजुएट (एलएलबी) प्रोग्राम की पात्रता शर्त 10+2 या समकक्ष रखी गई है। तो वहीं एलएलएम प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए उम्मीदवार का एलएलबी होना अनिवार्य है। अंडरग्रेजुएट एग्जाम केलिए 20 साल से कम उम्र के उम्मीदवार पात्र हैं।
- समझिए अंकों का क्राइटेरिया- क्लट के एक खास स्तर को बनाए रखने के लिए यहां न्यूनतम अंकों की शर्त रखी गई है। इसके मुताबिकएलएलबी परीक्षा में बैठने के लिए आपको 10+2 में न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण होना होगा। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम में भागीदारी के लिए आपको एलएलबी में 50 फीसदी अंक लाने होंगे।
 
सिलेबस पर पकड
क्लैट परीक्षा में सफलता के लिए आपको हर चरण पर योजनाबद्ध अध्ययन की जरूरत पडेगी। यदि आप ऐसा करने में सफल रहे तो कानून का यह कॅरियर निर्णय आपके ही हक में होगा। - इंग्लिश- क्लैट अंडरग्रेजुएट परीक्षा में 40 अंक की अंग्रेजी आती है। इस पार्ट मे कैंडीडेट्स की इंग्लिश भाषा की समझ का आकलन किया जाता है। यहां कॉम्प्रिहेंसन, वर्ड मीनिंग, करेक्ट, इनकरेक्ट, फिल इन द ब्लैक्स, चूसिंग द राइट वर्ड जैसी चीजों पर खासा जोर रहता है। अगर आप सिलेबस को ध्यान से पढते हैं, तो आपको इस विषय में विशेष परेशानी नहीं होगी।
- मैथ्स- प्रश्नपत्र में 20 अंकों की मथ्स आती है वो भी कैंडीडेट्स की प्राथमिक गणितीय योग्यता जांचने के लिए। इसका स्तर अमूमन हाईस्कूल का ही होता है। अगर आपका मैथ्स में फंडामेंटल क्लियर है, तो आपको विशेष परेशानी नहीं होती है।
- जनरल नॉलेज- जीके सेक्शन में बेहतर करने के लिए वर्षपर्यंत तैयारी की दरकार होती है। जानकार मानते हैं कि अच्छी तैयारी के लिए साल भर (मार्च 2011-मार्च 2012 तक) के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, पुरस्कार, विज्ञान, मनोनयन, उपलब्धियों आदि से संबंधित प्रश्नों का अध्ययन बेहतर रहेगा। पूरे प्रश्नपत्र में 50 अंकों का जीके आता है। अगर आप न्यूज पेपर पढते हैं, तो फायदे में रह सकते हैं।
- लॉजिकल रीजिनिंग- इसे उम्मीदवारों की तार्किक योग्यता परखने के लिहाज से सटीक माना जाता है। इससे 50 अंकों के प्रश्न आते हैं। ज्यादा फोकस एनालॉजीस, लॉजिकल सीक्वेंस, सिलोगिज्म जैसी चीजों पर होता है।
- लीगल एप्टीट्यूड- 40 अंकों वाला लीगल एप्टीट्यूड इस प्रश्न पत्र का अहम भाग है। यही वह हिस्सा है जिसके जरिए सही मायने में एक वकील के मौलिक गुणों की पडताल की जाती है। लिहाजा इस हिस्से की मजबूत तैयारी का मतलब है बेहतर रैंक।
 
प्रमुख संस्थान-नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी,बंगलौर
-एनएएलएसएआर,यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद
-नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल
-द वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरीडिशियल सांइस, कोलकाता
-नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर
-हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर
-गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर
 
के 1+के2+के3= सक्सेस
क्लैट में कामयाबी का यह सबसे महत्वपूर्ण समीकरण है। इसके जरिए आप परीक्षा में आने वाली हर मुसीबत से पार पा सकते हैं। यहां तक कि एडवोकेसी में आने वाली तरह-तरह की चुनौतियांको भी यहां जाना जा सकता है। इसकी कोशिश यही होती है कि कैंडीडेट परीक्षा के लिए सैद्धांतिक व मानसिक रूप से तैयार हो सके
 
क्या है के1- नो योर एग्जाम
जी हां क्लैट की परीक्षा देने से पहले कैंडीडेट्स को परीक्षा प्रारुप पूरी तरह समझना होगा और कोशिश करनी होगी कि प्रश्नपत्र के बरक्स असल क्षमताओं का आकलन हो सके। इसके लिए अहम होगा कि आप पुराने प्रश्नपत्रों का अध्ययन करें। जिसमें एनलएलएसआईयू, क्लैट, एनएएलएसए- आर, एनएलयू-जे, एनएलयू-डी जैसी परीक्षाओं के पुराने प्रश्नपत्र खासे मददगार साबित होंगे।
 
महत्वपूर्ण है के 2- नो योर सेल्फ
परीक्षा कोई भी हो अपनी क्षमताओं की परख सबसे जरूरी है। अन्यथा कई बार छात्र अपने बस के बाहर की चीजों में हाथ डाल पछताते हैं। उसी तरह क्लैट एग्जाम में भाग लेने के पूर्व कैंडीडेट्स के लिए खुद की अभिरुचियों, स्ट्रांग प्वांइट को जानना आवश्यक है। उन्हें समझना होगा कि वकालत ऐसा पेशा है जिसमें तर्कशील मस्तिष्क, पारखी दृष्टि, अध्ययनशील मनोवृत्ति व लाजवाब कम्यूनिकेशन की सख्त दरकार होती है। तो यहां इंट्री लेने से पहले अपने भीतर इन चीजों की मौजू-दगी सुनिश्चित करें तो अच्छा है।
 
तैयारी को फाइनल टच देता के3- किक द बॉल
परीक्षा की तैयारी कैसे करे,ं क्या करें, क्या न करें पर चर्चा बहुत हुई अब समय है फाइनल किक करने का। यदि आपने ऊपर बताए गए के1 व के2 पर पूरा ध्यान दिया है तो के3 यानि क्लैट की तैयारी को दिए जाने वाले फाइनल टच में परेशानी नही होगी। यहां कडी मेहनत, सभी विषयों को बराबर समय, बेसिक्स पर फोकस आदि आपकी कामयाबी की कुंजी हैं। आप इस पर अमल जरूर करें।
 
ऑल इंडिया बार काउंसिल एग्जाम
वकालत का क्षेत्र आज आम नहीं रहा। वो दिन गए जब लोग किसी और विकल्प के अभाव में वकालत का दामन थाम लिया करते थे। अब तो क्लैट जैसे कदमों ने इस क्षेत्र का स्तर बहुत ऊपर उठा दिया है। यही कारण है कि आज वकालत में एक पूर्ण कॅरियर की चाह रखने वाले लोग ही यहां प्रवेश ले रहे हैं व इस क्षेत्र को कामचलाऊ कॅरियर विकल्प मानने की पुरानी अवधारणा भी खत्म हो रही है। इसी कडी में एक नया नाम है-ऑल इंडिया बार काउंसिल एग्जाम। जो एडवोकेट के रूप में न्यायालय में खुद को रजिस्टर्ड कराने से पहले योग्य उम्मीदवार का टेस्ट लेता है। उसमें सफल होने पर ही अभ्यर्थी एक वकील के रूप में अपना कॅरियर शुरू कर पाता है।

क्यों पडी जरूरत
दरअसल इस परीक्षा को आयोजित कराने के पीछे बार काउंसिल की मंशा वकालत के पेशे में उतर रहे युवाओं की कार्यगत कुशलता नहीं बल्कि स्किल्स, विषय की आधारभूत समझ व पेशेगत योग्यता परखना है। इसी कारण गत वर्ष से ही इस परीक्षा की शुरुआत की गई।
-परीक्षा तिथि 25 नंवबर 2012 है।
-एप्लीकेशन फीस-
नए अभ्यर्थियों केलिए- 1900 रुपए
दोबारा फॉर्म भर रहे अभ्यर्थियों के लिए-1400 रुपए
-परीक्षा माध्यम- इस परीक्षा का आयोजन देश भर के 27 परीक्षा केंद्रों पर 9 भाषाओं (हिंदी, तमिल, इंग्लिश, गुजराती, तमिल, बंगाली, मराठी, तेलुगू, कन्नड, उडिया) में होता है।
-समयावधि- 3 घंटे 30 मिनट
-परीक्षा पैटर्न- परीक्षा में सौ सवाल पूछे जाएंगे। सभी सवाल बहुविकल्पीय (ओएमआर फॉर्मेट में) होंगे।
-कैसा होगा पाठ्यक्रम- परीक्षा में आने वाले सवाल बार कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित त्रिवर्षीय एलएलबी व पंचवर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र दो कैटेगिरी में बंटा होगा। पहला कानून के वृहत क्षेत्र केआधारभूत ज्ञान से जुडा होगा। वहीं दूसरे में कई अन्य विषयों से जुडे हुए ऐसे सवाल होंगे, जिन्हें जानना इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी नवागंतुक के लिए आवश्यक है।

अदालत से निकलेगा कॅरियर का निर्णय
आज अदालत के मायने बदले हैं। इसमें आज ऐसी कई चीजें शुमार हो चुकी हैं जिसके बारे में पहले सोचना भी मुश्किल था
काला कोट, अदालती परिवेश, सामने खडे मुजरिम, बहसों से गुजरते वकील। आज ज्यूडिशियरी कॅरियर का मतलब केवल यही सब नहीं है। आज तो इसका परिवेश विस्तृत हो चुका है, जिसमें आप ज्यूडिशियल काउंसलिंग से लेकर लीगल राइटिंग, आउटसोर्सिग जैसे क्षेत्रों में काम की गुंजाइश ढूंढ सकते हैं। पीजीडीएम इन पेटेंट लॉ, डिप्लोमा इन साइबर क्राइम, डिप्लोमा इन मीडिया लॉ, डिप्लोमा इन इंटरनेशनल चूमेनटेरियन लॉ जैसे एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स आपको अन्य बहुत से क्षेत्रों में पैर जमाने का अवसर देते हैं।
     
कॉरपोरेट काउंसिल- आज गलाकाट कॉरपोरेट प्रतिस्पर्धा के दौर में व्यावसायिक सलाहकार बडी जरूरत बनकर उभरे हैं। कॉरपोरेट लॉ में माहिर ये लोग लीगल ड्राफ्िटग से लेकर अधिग्रहण तक कई विषयों में अपनी कंपनी को मशविरा देते हैं। बढिया सैलरी, बेहतर वर्किग कंडीशन के बीच यह क्षेत्र लॉ ग्रेजुएट्स के लिए खासा उपयुक्त माना जाता है।
 
ज्यूडिशियल सर्विस- बदलाव तो कई आए लेकिन न्यायिक सेवाओं का जलवा अभी भी कायम है। सरकारी नौकरी का आश्वासन, न्यायपालिका की शक्तियां, सामाजिक दायित्व आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जिसके चलते आज बडी संख्या में युवा वकील व लॉ ग्रेजुएट इस ओर रुख कर रहे हैं।
   
लीगल राइटिंग- यदि अच्छे आला दर्ज का वकील बनना हैं तो आप सतत अध्ययन से भाग नहीं सकते। यही तथ्य आज अच्छे लीगल राइटर्स के लिए उपजाऊ अवसर पैदा कर रहा है। यदि आपके पास भी कानून की गहन जानकारी है? व लेखन, पसंदीदा विषय है तो आप भी लीगल राइटिंग के क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं। इन दिनों पब्लिकेशन हाउसेज केसाथ वेबसाइट्स में भी अच्छे लीगल राइटर्स की मांग है।
 
लॉ फ‌र्म्स- लॉ फ‌र्म्स अपने क्लाइंट का अदालत में प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं। ये फ‌र्म्स अपने नाम और पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक वकीलों, क्लर्को, ड्राफ्टर्स को जगह देते हैं। लॉ फ ‌र्म्स में अनुभवी व फ्रेशर दोनों के लिए अवसर होते हैं।

एकेडेमिक्स- वकालत की ओर युवाओं के बढते रुझान के चलते आज देश में कई लॉ स्कूल खुले हैं। कानून में स्नातक, परास्नातकों के पास इन कॉलेजों को बतौर लॉ फैकेल्टी ज्वाइन कर अपना और अपने छात्रों का भविष्य चमकाने का पूरा मौका है। इस फील्ड में उन्हें रिसर्च का भी मौका मिलता है।
  
एलपीओ (लॉ प्रोसेसिंग आउटसोर्सिग)- एलपीओ बेशक एक नया क्षेत्र है लेकिन आउटसोर्सिग के बढते चलन के बीच यहां अवसरों की रंगत अलग ही शमां बांध रही है। इसमें बडी बडी लॉ फ‌र्म्स, इन हाउस लॉ डिपार्टमेंट काम का बोझ कम करने तो कई?बार वित्तीय बचत के लिए विदेशी लॉ फ‌र्म्स या लीगल सपोर्ट सर्विस की सेवाएं लेते हैं। टेक्नोसेवी, बेहतर इंग्लिश, कानून की सटीक समझ रखने वाले लोग यहां काम का ग्लोबल दायरा तलाश सकते हैं। आप खुद कॅरियर का फैसला कर सकते हैं।

द्वारा -- सन्तोष कुमार पाण्डेय

November 16, 2012

एससीआरए, नौकरी का बेहतरीन प्लेटफॉर्म.....

LIBRARY, K V - BHADERWAH (J&K)


एससीआरए, नौकरी का बेहतरीन प्लेटफॉर्म.....


सपने तो सभी देखते हैं, लेकिन उसे साकार वही करता है, जो कठिन मेहनत करता है। अगर आप भी रेलवे में अधिकारी बनने का सपना देख रहे हैं और मैथ्स से बारहवीं है, तो आपके लिए यह बेहतर अवसर है। हाल ही में स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिसेज सर्विसेज एग्जामिनेशन के लिए आवेदन निकल चुके हैं।

आवश्यक योग्यता

इस परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से इंटरमीडिएट पीसीएम के साथ प्रथम या द्वितीय श्रेणी से पास होना जरूरी है। जहां तक उम्र सीमा की बात है, तो अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 17 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो।

600 की लिखित परीक्षा

इसकी परीक्षा दो चरणों में होती है। प्रथम चरण के अंतर्गत 600 अंकों की वस्तुनिष्ठ लिखित परीक्षा होती है, जिसके अंतर्गत जनरल एबिलिटी टेस्ट, फिजिकल साइंसेज और मैथेमेटिक्स के पेपर होते हैं। सभी के लिए अलग-अलग दो घंटे निर्धारित हैं। इसमें पास करने के बाद आपका पर्सनैल्टी टेस्ट होगा। इसके लिए 200 अंक निर्धारित हैं।

जनरल एबिलिटी है महत्वपूर्ण

इस परीक्षा में जनरल एबिलिटी टेस्ट काफी महत्वपूर्ण है। इसका प्रमुख कारण यह है कि बारहवीं साइंस के स्टूडेंट्स का जनरल एबिलिटी पेपर उतना मजबूत नहीं होता है। यही कारण है कि आईआईटी निकालने वाले स्टूडेंट्स भी इस परीक्षा में कठिनाई से पास करते हैं। जनरल एबिलिटी के अंतर्गत इंग्लिश, जनरल नॉलेज, साइकोलॉजिकल टेस्ट से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं। फिजिकल साइंसेज में फिजिक्स और केमिस्ट्री से प्रश्न होंगे। अंतिम पेपर मैथ्स के होते हैं। सभी प्रश्नों का स्तर बारहवीं के लेवल का होगा। जनरल नॉलेज के अंतर्गत मैन एंड इन्वायरमेंट, हिस्ट्री, पॉलिटिक्स एंड सोसाइटी ऑफ इंडिया आदि से प्रश्न पूछे जाएंगे। अंग्रेजी प्रश्न इस प्रकार के होंगे, जिनमें उम्मीदवार की समझ और भाषा पर अधिकार का पता लग सके।
 
साइकोलॉजिकल टेस्ट है अहम

साइकोलॉजिकल टेस्ट के माध्यम से उम्मीदवारों की बुनियादी जानकारी और यांत्रिक अभिरुचि का मूल्यांकन किया जाएगा। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स बारहवीं सिलेबस के अनुरूप होते हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि आप पिछले दस वषरें के प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। इससे आपको तैयारी में काफी सुविधा हो जाएगी और आप अपनी तैयारी भी बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

सिलेबस पर गहरी नजर

यह सही बात है कि परीक्षा देनेवाले सभी स्टूडेंट्स इस परीक्षा में सफल नहीं हो सकते हैं। किसी भी परीक्षा में सफलता उसी स्टूडेंट्स को मिलती है, जो परीक्षा पैटर्न के साथ-साथ सभी विषयों में अच्छी पकड बनाता है। सही तैयारी के लिए जरूरी है कि आप पहले सिलेबस को देखें और अपनी कमजोरियों को पहचानें। यह इसलिए जरूरी है कि इसमें कम संख्या में सीट होती है, लेकिन अभ्यर्थियों की संख्या काफी होती हैं। यदि कुछ कमजोरी रहेगी, तो आप इस परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकते हैं। साइंस के अभ्यर्थी का अपनी विषय पर तो काफी कमांड रहता है, लेकिन अंग्रेजी और जनरल एबिलिटी टेस्ट में पिछड जाते हैं। यदि आप इस परीक्षा को पास करने के लिए गंभीर हैं, तो एक विशेष रणनीति के तहत सबसे पहले अंग्रेजी को दुरुस्त करने की कोशिश करें। इसके लिए अंग्रेजी ग्रामर को ध्यान से पढें। हिस्ट्री के अंतर्गत प्राचीन इतिहास और आधुनिक भारत को ध्यान से पढें। स्वतंत्रता संघर्ष की और भी बेहतर ढंग से तैयारी करें, क्योंकि इस क्षेत्र से सर्वाधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। भारतीय संविधान के अंतर्गत भारतीय संसद, कार्यपालिका, न्यायपालिका, महत्वपूर्ण अनुच्छेद, राजनीतिक पार्टी आदि को ढंग से पढें। साइंस विषयों में जहां आप अधिक कमजोर हैं, सबसे पहले उन्हें दुरुस्त करने की कोशिश करें। इसके साथ ही बारहवीं तक की एनसीईआरटी की किताबें अवश्य पढें। इससे आपकी समझ बढेगी और बेहतर तैयारी में भी काफी मदद मिलेगी। यदि इस तरह की तैयारी करते हैं, तो आप लिखित परीक्षा में अवश्य पास होंगे।

आत्मविश्लेषण है जरूरी --

किसी भी परीक्षा में असफलता उसी को मिलती है, जिसमें आत्मविश्वास की कमी पाई जाती है। इंटरव्यू से पहले कई लोगों का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। आत्मविश्वास पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने मन में यह सोचें कि आप जीत की राह पर निकल चुके हैं और सफलता निश्चित है। आत्मविश्वास को किसी भी कीमत पर कम न होने दें। अगर आपको लगता है कि आप बहुत जल्द नर्वस हो जाते हैं तो उसके भी उपाय हैं। शीशे के सामने खडे होकर भी इंटरव्यू की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इससे आपको खुद को परखने का मौका भी मिलेगा, साथ ही आत्मविश्वास भी। आत्मविश्लेषण करना भी जरूरी है। इससे आप खुद की स्ट्रेंथ और वीकनेस, स्किल्स और टैलेंट को पहचानने में सफल होंगे। साथ ही साथ आप अपनी उपलब्धियों और कॅरियर के लक्ष्य को भी स्पष्ट कर सकते हैं।
इंटरव्यू के एजेंडा का पूर्वानुमान लगाना भी इंटरव्यू की तैयारी के लिए बेहतर ऑप्शन है। पूर्वानुमानित प्रश्नों की लिस्ट बनाएं और उत्तर देने की कोशिश करें। अगर आप सभी प्रश्नों का उत्तर संतोषजनक और तर्कपूर्ण देने में सफल होते हैं, तो आपको इंटरव्यू में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
 
BY-- LIBRARIAN  

November 8, 2012

करेंट अफेयर्स

LIBRARY, K V BHADERWAH
 
--करेंट अफेयर्स--
 
 
 
 
--चन्द्रशेखर कम्बर, जिन्हें हाल ही में भारतीय साहित्य जगत के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया है, किस भाषा में साहित्य रचनाएं करते हैं? - कन्नड
 

-असम में उत्तर कछार पर्वतीय स्वायत्त परिषद को स्वायतता देने के बारे में 9 अक्टूबर 2012 को किए गए एक त्रिपक्षीय समझौते में कौन-कौन से तीन पक्ष शामिल थे?

- केन्द्र सरकार, असम सरकार तथा दीमा हलाम दाओगाह के दोनों गुटों के प्रतिनिधि

-वित्तीय सेवाओं की पहुंच को और प्रभावी बनाने के लिए गठित एक उच्च

-स्तरीय समिति का अध्यक्ष किसे बनाया गया है? - के.सी. चक्रवर्ती (भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर)

-भारत के किस अर्ध-सैनिक बल का 50वां स्थापना दिवस वर्ष 2012 में मनाया गया? - भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी)

-5+5 शिखर सम्मेलन 2012 के अक्टूबर माह में कहां आयोजित किया गया? - माल्टा

-5+5 शिखर सम्मेलन का क्या महत्व है? - इसमें भूमध्य सागर के आस-पास यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीप में बसे 5 - 5 देश आर्थिक प्रगति बढाने के उद्देश्य से भाग लेते हैं

-5+5 शिखर सम्मेलन में शामिल 5 यूरोपीय देश कौन से हैं? - फ्रांस, स्पेन, इटली, पुर्तगाल तथा माल्टा
 
- जलपरी- द डेजर्ट मरमेड- नामक भारतीय फिल्म हाल ही में क्यों चर्चा में आई है? - इस फिल्म ने प्रतिष्ठित कान्स फिल्म समारोह में ट.क.ढ. जूनियर किड्स ज्यूरी पुरस्कार 2012 जीतने में सफलता प्राप्त की है

-हाल ही में तमिलनाडु विधानसभा के इतिहास में दूसरा दलित विधानसभा अध्यक्ष बनने में कौन सफल रहा? - पी. धनपाल (अन्नाद्रमुक के विधानसभा सदस्य - राज्य की विधानसभा के पहले दलित विधानसभा अध्यक्ष जे. सिवाशंमुगम पि-ै थे (1946 से 1955 तक)
 
-निजी क्षेत्र के ­एचडीएफसी बैंक ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के किस प्रतिष्ठान के साथ समझौता कर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने की दिशा में कदम बढाया है? - इडिंयन ऑयल कार्पोरेशन (इसके तहत इण्डियन ऑयल के किसान सेवा केन्द्र बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करेंगे)

-केन्द्र सरकार ने 5 अक्टूबर 2012 को देश के किन 5 हवाई अड्डों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का पूर्ण दर्जा प्रदान करने की घोषणा की? - कोयम्बटूर, मंगलूर, लखनऊ, तिरुचिरापल्ली तथा वाराणसी

-भाजपा के पूर्व राज्य सभा सदस्य रहे बी.पी. सिंघल, जिनका हाल ही में निधन हुआ था, किस राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं? - उत्तर प्रदेश --
 
 
 
 
 

October 30, 2012

संयुक्त राष्ट्रसंघ दिवस पर विशेष: अंतरराष्ट्रीय अप्रोच



                      LIBRARY, K V - BHADERWAH (J&K)


सीरिया खूान से लाल हुआ जाता है। लीबिया का भी हाल अलग नहीं है। इराक, अफगानिस्तान में पिछले करीब 10 सालों से सुनाई दे रही धमाकों की गूंज आज भी जारी है। सोमालिया, सूडान का युगों पुराना गृहयुद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। फिलस्तीन, श्रीलंका समेत कई देशों में शरणार्थियों की समस्या मुंह बाए खडी है। पूरी दुनिया में मानवता के लिए संकट का दूसरा नाम बन चुके इन हालातों से जब भी निपटने की बात आती है तो जेहन में सबसे पहला नाम संयुक्त राष्ट्रसंघ का आता है। वो संयुक्त राष्ट्र, जिसकी स्थापना आज से करीब 67 साल पूर्व विश्वयुद्धों की काली छाया के बीच की गई थी। उम्मीद थी कि आपसी रक्तरंजित संघर्षो में उलझी दुनिया अपने झगडों को सुलझाने में जंग के बजाय इसके मंच का इस्तेमाल करेगी। आज स्थापना के सालों बाद पलटकर देखा जाए तो पाएंगे कि संयुक्त राष्ट्र अपनी भूिमका में खासा सफल रहा है। न केवल लडाइयों पर लगाम लगाने में बल्कि दुनिया को भूख, अभाव, शोषण, पिछडेपन से मुक्ति दिलाने में भी इसकी भूमिका सराहनीय रही है। एक लिहाज से देखें तो इन दिनों दुनिया के कई इलाके हमें अशांति और हिंसा से भरे जरूर दिख सकते हैं लेकिन सोचकर देखिए, संयुक्त राष्ट्रसंघ की गैरमौजूदगी में ये हालात कितने बदतर होते। ऐसे में यदि आप भी दुनिया को खूबसूरत बनाने में अपनी भूमिका देखते हैं, इसके दर्द व कष्ट को अपने सीने में महसूस करते हैं तो संयुक्त राष्ट्रसंघ एक उपयुक्त जगह है। यहां बेहतर कॅरियर की गारंटी मिलती है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय माहौल में अनुभव की कोई बराबरी नहीं है। 

क्यों आकर्षित कर रहा संयुक्त राष्ट्र
अपनी स्थापना के 6 दशकों के सफर में संयुक्त राष्ट्रसंघ की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। आज की तारीख में लोग संयुक्त राष्ट्र को परिवर्तन की ईमानदार कोशिशों से जोडकर देखते हैं। यही कारण है कि यहां अपना लॉन्ग टर्म कॅरियर देखने वाले युवाओं की कोई कमी नहीं है। यही नहीं, काम का पेशेवर माहौल, इसके जरिए मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय पहचान, आत्मसंतुष्टि जैसी चीजें भी युवाओं को इससे जुडने को प्रेरित कर रही हैं
 
जॉब के बहुआयामी पक्ष
संयुक्त राष्ट्रसंघ मानव जीवन से जुडे ज्यादातर पक्षों में अपना दखल रखता है। प्रश्न मानवाधिकार का हो या एड्स जैसी घातक बीमारी का अथवा फिर हो नस्ली हिंसा, गरीबी, नि:शस्त्रीकरण के मुद्दे। हर बदलते विषय के साथ संयुक्त राष्ट्र में काम के नए आयाम जुड जाते हैं। इन आयामों को संयुक्त राष्ट्र के हजारों कर्मचारी अपनी मेहनत व लगन से नई मंजिलें दे रहे हैं। इसमें काम करने का एक फायदा यह भी है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें अलग-अलग समस्याओं, अलग-अलग माहौल, उनकी पृष्ठभूमियों, संस्कृतियों से वाकिफ होने का पूरा मौका मिलता है। 

दिल में बसती इंसानियत की खुशबू
संयुक्त राष्ट्रसंघ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की गई थी। इसके गठन का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया को युद्धों की विभीषिका से बचाना था। अपने अंतरराष्ट्रीय रुख व स्थापना चार्टर की वजह से यह दुनिया के प्राय: हर हिस्से के तकरीबन हर मुद्दे व समस्या को अपनी जद में ले पाता है। इस बीच यदि आप यूएन से जुडते हैं तो दुनिया के हर कोने के आम इंसान के दर्द से जुडने का मौका आपको मिलता है। खुद जानकार मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में काम करने का अनुभव अपने आप में खास होता है, यहां पीडित जनसमुदाय के लिए कुछ करने का संतोष ताउम्र आपके दिल में मरहम सा अहसास दिलाएगा। 

ऊंचा कद, पेशेवर रुख
आज का संयुक्त राष्ट्र लीग ऑफ नेशंस की छाया से निकले उस संयुक्त राष्ट्र से काफी कुछ अलग है जिसे शंका की दृष्टि से देखा जाता था और माना जाता था कि इसका भी हश्र लीग ऑफ नेशंस जैसा ही होगा। पर आज आधी शताब्दी से भी ज्यादा वक्त मेंसंरा इन सारी भविष्यवाणियों को गलत साबित कर चुका है। 1945 में महज 300 कर्मचारियों के साथ शुरू यह संगठन आज अपनेजेनेवा, नैरोबी, विएना, न्यूयॉर्क जैसे अपने ग्लोबल हैडक्वाटर्स, हजारों कर्मचारियों व हाईटेक कार्यप्रणाली के दम पर पूरी दुनिया पर नजर रखता है। यही नहीं अफ्रीका, यूरोप, लैटिन अमेरिका, कैरेबियन, एशिया पैसिफिक, पश्चिमी एशिया के अपने रीजनल जोन के मार्फत हर जगह अपनी मौजूदगी का अहसास कराता रहता है। इन सबके बीच यदि आपको भी यहां काम करने का मौका मिलता है तो यह अपने आप में एक सम्मान की बात हो सकती है। 
 
पढाई के भी मिलते मौके
सयुंक्त राष्ट्र में बेहतर कॅरियर विकल्पों की कमी नहीं है। इसकी अनेक शाखाओं में जॉब्स के कई विकल्प हैं और सबसे अहम, इसमें काम करते हुए आप काफी कुछ सीख भी सकते हैं। इसलिए कि कॅरियर डेवलेपमेंट यहां केवल आपकी ही जिम्मेदारी नहीं हैं बल्कि संयुक्त राष्ट्रसंघ स्वयं अपने कर्मचारियों के विकास मेंरुचि लेता है। इसके लिए समय-समय पर स्किल्स लर्निग, लैंग्वेज ट्रेनिंग जैसे कोर्स चलाए जाते हैं। खुद यूएन मानता है कि उनके कर्मचारियों की क्षमताएं ही उनके संस्थान की उपयोगिता तय करती है। 

हाईलाइफ स्टाइल का भरोसा
संयुक्त राष्ट्र में काम करते हुए आप अच्छे वेतन की अपेक्षा कर सकते हैं, क्योंकि पहले तो यहां मिलने वाली सैलरी अमेरिकी डॉलर में होती है। दूसरे अंतररराष्ट्रीय कर्मचारी होने के नाते आप वैश्विक स्तर पर मान्य सैलरी व उससे संबंधित सभी फायदों के भी हकदार बनते हैं। उस पर जहां आप नियुक्त हैं, उस स्थान की कॉस्ट ऑफ लिविंग भी सैलरी का आधार बनती है। 

क्यों खास है यूएन
द्वितीय विश्वयुद्ध को रोक पाने में लीग ऑफ नेशंस की असफ लता ही संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएनओ) की स्थापना का प्रमुख कारण थी। दरअसल दूसरे विश्वयुद्ध में हुए भीषण विध्वंस, करोडों लोगों की मौत से पूरी दुनिया टूट चुकी थी। जन-धन की हानि कुछ इतनी ज्यादा थी कि इसका आज तक अंदाजा नहीं है। ऐसे में यह तय था कि अगर दुनिया में तीसरा विश्वयुद्ध छिडा तो सभ्यता के रूप में हम सदा-सदा के लिए खत्म हो जाएंगे।
लिहाजा अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैकलिन रूजवेल्ट के प्रयासों व वैश्विक शक्तियों के सहयोग से24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्रसंघ अस्तित्व में आया। महासभा, सुरक्षा परिषद, सचिवालय, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, आर्थिक व सामाजिक परिषद आदि इसके प्रमुख भाग हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क में इसका मुख्यालय है व दक्षिण कोरिया के बान की मून इसके वर्तमान महासचिव हैं।
 
यूएन: कैसे हो मंजिल आसान
दूसरी कई ऑर्गेनाइजेशन की तरह यूएन को भी आज सक्षम, ऊर्जावान कर्मचारियों की जरूरत है, जो हर परिस्थिति में अपना सौ फीसदी दे सकें.. कभी तो आपका दिल सामने हाथ फैलाते छोटे बच्चे को देखकर पिघला होगा, कभी तो आपक ा दिल गरीबी लाचारी से बदहाल मानवता को देखकर रोया होगा, कभी तो आपके दिल में इनके लिए कुछ करने की तमन्ना से भर उठा होगा। यदि ऐसा है तो संयुक्त राष्ट्रसंघ में आपके लायक करने को बहुत कुछ है। लेकिन इसमें प्रवेश की राह इतनी आसान नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी कुछ खास क्वालिटीज को तराशें और उन्हें संयुक्त राष्ट्र में अपनी इंट्री का औजार बनने दें। 

डेवलेप करें गुणवत्ता-  संरा में इंट्री हो जाना ही काफी नहीं है। असल काम तो इसके बाद शुरू होता है जिसमें सफल होने के लिए आपको कुछ खास गुणों की दरकार होगी। इनमें कार्य के प्रति हद दर्जे का जुनून, गरीबों, वंचितों, जरूरमंदों की सेवा, कठिन से कठिन स्थितियों में हिम्मत बरकरार रखना मुख्य है। इसके अलावा बेहतर कम्यूनिकेशन, नई-नई टेक्नोलॉजी का ज्ञान, नेतृत्व क्षमता, मैनेजमेंट, सामंजस्य बैठा काम करने की आदत, शॉर्ट नोटिस पर दुनिया के किसी भी हिस्से में जाने की तत्परता भी कुछ ऐसी ही चीजें हैं, जिनकी तलाश यहां हर इम्प्लॉई में की जाती है। जॉब नेटवर्क हैं खास- यूएन कर्मचारियों की क्षमता निखार में जॉब नेटवर्क अहम भूमिका निभाता है। इसके जरिए संगठन के कर्मचारी अपनी क्षमताओं के अनुसार एक जगह से दूसरी जगह स्विच कर सकते हैं। असल में जॉब नेटवर्क का निर्माण ही इस तरह किया गया है कि कर्मचारी एक जगह से दूसरी जगह जाकर अपनी स्किल्स व पेशेवर क्षमताओं में इजाफा करते रहें। लेकिन अहम है कि कैसे बदलती चीजों से खुद को समायोजित कर पाते हैं।

कम्यूनिकेशन आता काम- बेहतर संचार कौशल यहां सफलता का बडा कारक है, क्योंकि इस क्षेत्र में काम की परिस्थितियां आपको सिएरा लियोन से श्रीलंका तक कहीं भी काम करने को मजबूर कर सकती है। लिहाजा अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स, कई भाषाओं का ज्ञान ही यहां आपका सटीक हथियार होगा और यही चीज आपको संगठन में जगह दिलाएगी।

डर पर काबू करना है अहम- संयुक्त राष्ट्र में काम करने के दौरान आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड सकता है, जिसमें सबसे प्रमुख है युद्धग्रस्त क्षेत्र में तैनाती। इस चुनौती से निपटने के लिए सबसे जरूरी है अपने डर पर काबू पाना। एक बार आपने ऐसा कर लिया तो फिर इस फील्ड में कामयाबी आपके कदमों पर होगी। 

फील्ड नेटवर्क में जरूरी जुझारूपन- आज यूएन दुनिया में अपना खासा रसूख कायम कर चुका है। पूरी दुनिया में इसके 130 फील्ड ऑफिस हैं, जिसमें शांतिरक्षकों से लेकर पॉलिटिकल, ह्यूमेनिटेरियन ग्रुप्स भी शामिल हैं। ये लोग संगठन के वे अहम बिंदु होते हैं जो किसी भी प्राकृतिक, मानवकृत त्रासदी की सबसे पहले पहचान कर प्रतिक्रिया देते हैं। यूएन के ऐसे ही हजारों कर्मचारी आज पूरी दुनिया में स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल यौन शोषण, भू्रण हत्या, एड्स, बारूदी सुरंगों के दुष्प्रभाव, स्थानीय कुप्रथाओं आदि के विरूद्ध जमीनी प्रयासों में लगे हैं। इन सभी पदावलियों के लिए कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद दक्ष होना होगा। लिहाजा यदि आप भी यूएन में जाने का ख्वाब देखने जा रहे हैं तो खुद में इन क्वालिटीज को जरूर परखें। अगर है, तो आप योग्य हैं इस क्षेत्र में जाने के लिए। 

यूएन: हर कदम अवसरों का साथ
संयुक्त राष्ट्र में हर कदम पर अवसर है। यदि आप में योग्यता है, काम का माद्दा है तो यहां कामयाब होना मुश्किल नहीं..
संयुक्त राष्ट्र का आकार इतना विस्तृत है कि उसमें न तो जॉब्स की कमी है और न ही अलग-अलग कॅरियर ऑप्शन की। जरूरत है तो बस अपनी क्षमताओं के पूर्ण विकास की। यूएन से जुडे कुछ कॅरियर ऑप्शन इस प्रकार हैं।

स्टाफ कैटेगिरी मे हैं मौके
संयुक्त राष्ट्र में काम करने वाले स्टाफ को उनकी क्षमताओं के अनुसार कई कैटेगिरी में बांटा जाता है। प्रत्येक कैटेगिरी में अधिकारियों की उनकी जिम्मेदारियों, जरूरतों के मुताबिक चुना जाता है। इसमें कुछ कैटेगिरी दी जा सकती हैं जहां आप अपनी क्षमताओं व योग्यताओं के अनुसार किसी एक का चयन कर सक ते हैं
1.प्रोफेशनल एंड हायर कैटेगिरी
2.नेशनल प्रोफेशनल ऑफीसर
3.फील्ड सर्विस
4.सीनियर एप्वॉइंटमेंट 

इंट्री के रास्ते अनेक
यूएनओ जॉब के लिए आपके पास कई विकल्प होते हैं, लेकिन हर स्तर पर कर्मचारियों को भिन्न चयन मापदंडों से गुजरना होता है। ज्यादातर उच्च स्तर के अधिकारी संगठन में डेप्यूटेशन पर ही आते हैं जो तय कार्यकाल के बाद अपने मूल कैडर में वापस लौट जाते हैं। इसके अलावा यूनाइटेड नेशन वालंटियर प्रोग्राम, यंग प्रोफेशनल प्रोग्राम जैसे कई अन्य जरिए भी हैं जो आपके और संयुक्त राष्ट्र के बीच की दूरी को कम कर सकते हैं। 

यंग प्रोफेशनल प्रोग्राम
आज संयुक्त राष्ट्र को ऐसे युवाओं की जरूरत है, जिनकी क्षमताएं यूएन के काम में दिखें। वे युवा जो अपने प्रोफेशनल कॅरियर की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय प्रशासक के तौर पर करना चाहते हैं उनके लिए यंग प्रोफेशनल प्रोग्राम सही रास्ता है। इस प्रोग्राम के लिए हर साल नेशनल कॉम्पटीटिव रिक्रूटमेंट एग्जामिनेशन (एनसीआरइ) का आयोजन किया जाता है। इसी केमाध्यम से युवाओं का प्रोग्राम में चयन होता है। 32 साल से कम आयु वर्ग के वे सभी स्नातक युवा, जो इंग्लिश या फ्रेंच भाषा पर अच्छा नियंत्रण रखते हैं। इस परीक्षा में भाग लेने के अधिकारी हैं।

यूनाइटेड नेशंस वालंटियर प्रोग्राम
हर साल दुनिया के करीब 158 देशों के 8000 से ज्यादा युवा अपनी जिंदगी के 6 महीने संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्वैच्छिक सेवा कार्यक्रम को देते हैं। इन कार्यक्रम के तहत ये लोग दुनिया के 128 देशों में शांति, सद्भावना प्रसार, प्राकृतिक आपदा निवारण व विकास के लिए काम करते हैं। वे सभी 25 वर्ष आयु पूरी कर चुके युवा जिनके पास यूनिवर्सिटी डिग्री हो/हायर एजूकेशन का डिप्लेामा हो, इस प्रोग्राम के लिए पात्र हैं। 

इंटर्नशिप प्रोग्राम भी है मददगार
यदि आप डिप्लोमेसी व सार्वजनिक सेवाओं में काम के इच्छुक हैं तो यूएन इंटर्नशिप प्रोगाम आपको सही शुरुआत दे सकता है। यहां आपको कार्य का वास्तविक अनुभव मिलता है। इस प्रोग्राम के माध्यम से आपको यूएन क र्मचारियों, अधिकारियों की टीम के साथ संगठन के भीतर होने वाली गतिविधियों, निर्णय, कान्फ्रेंस, मीटिंग, कार्य विश्लेषण आच् िचीजों का पहला पहल अनुभव मिलता है।

लैंग्वेज कॉम्पटीटिव एग्जाम
संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफल होने के लिए एक से अधिक भाषा पर पकड जरूरी है। दुनिया के विभिन्न देशों में इसके 130 ऑफिस, हजारों कर्मचारियों जैसेवृहत संयोजन में सफल होने के लिए भाषा महत्वपूर्ण कारक है। इन्हीं सबको देखते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ में भाषा संबंधी कई वेकेंसीज रखी गई हैं, जहां उम्मीदवारों को लैंग्वेज कॉम्पटीटिव एग्जामिनेशन (एलसीई) के माध्यम सचुना जाता है। इन लोगों का काम अपनी भाषा संबंधी दक्षता से यूएन की कार्यक्षमता में वृद्धि करना होता है। 


द्वारा -- सन्तोष पाण्डेय 

October 17, 2012

JAI MATA DI.............................S K PANDEY

श्री श्री दुर्गा मन्दिर 
 
  उखरुल
 
 


श्री श्री दुर्गा पूजा महोत्सव  
 
विक्रम संवत् - 2068-69
 
 
या देवी सर्वभूतेषु  मातृरूपेण संस्थिता ।
 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो  नम:।।
 
JAI MATA DI
 
INVIATION
 
At the advent of autumn like yesteryear "GODESS DURGA, the MOTHER of UNIVERSE" is coming to deliver us from all woes, to destroy all demonic forces vitiating our world and to assure us of her promise to protect us from all evils.
 
You, with your family or cordially Invited to join us to celebrate the occasion and to share the joy and mirth and be one of us during the period from 16th Oct 2012 to 24th Oct 2012. 
 
 
 
                             RSVP 
            SRI SRI DURGA MANDIR COMMITTEE
                             UKHRUL
 
 
 
 
 
--  कार्यक्रम  --
 
20 अक्टूबर 2012  - पूजा / आरती - बेल छठी पूजा (शाम 3 बजे )
 
                                एवं  श्री दुर्गा माता स्थापना 
 
21 अक्टूबर 2012  - पूजा / आरती - प्राण प्रतिष्ठा (सुबह 9 बजे )
 
                                एवं संध्याकाल - भजन संध्या 
 
 
22 अक्टूबर 2012   -  पूजा / आरती - भजन संध्या 
 
                                   एवं  निशा पूजा (रात्रि  11:45) 
 
   
23 अक्टूबर 2012   -  हवन   (सुबह 10:00 बजे )
 
                                 एवं कन्या पूजा (सुबह 11 बजे )
 
                                महाप्रसाद   वितरण का प्रारम्भ (1:00 बजे )
   
 
24 अक्टूबर  2012   -  विजय दशमी  महा अभिषेक (प्रात: 9 बजे )
 
                                  एवं  विसर्जन  (सुबह 10:00 बजे )
 


 

October 15, 2012

Abbreviations of OCTOBER month

LIBRARY K. V. - BHADERWAH

Abbreviations of OCTOBER month

 

Sl. No.

Words

Abbreviation

1

ABC

AUDIT BUREAU OF CIRCULATION

2

NSG

NUCLEAR SUPPLIERS GROUP

3

RAM

RADIO AUDIENCE MEASUREMENT

4

UIDAI

UNIQUE IDENTIFICATION AUTHORITY OF INDIA

5

CIC

CENTRAL INFORMATION COMMISSION

6

GM

GENETICALLY MODIFIED

7

JPC

JOINT PARLIAMENTARY COMMITTEE

8

MIP

MOON IMPACT PROB

9

NTSB

NATIONAL TRANSPORT SAFETY BOARD

10

NCTC

NATIONAL COUNTER TERRORISM CENTRE

11

NRLM

NATIONAL RURAL LIVELIHOOD MISSION

12

NRHM

NATIONAL RURAL HEALTH MISSION

S K PANDEY_LIBRARIAN

October 8, 2012

Important days of OCTOBER month


LIBRARY KENDRIYA VIDYALAYA - BHADERWAH

 

Important days of OCTOBER month

 

Month
Date
DAYS
OCTOBER
1
INTERNATIONAL DAY FOR THE ELDERLY
OCTOBER
2
WORLD VEGETARIAN DAY
OCTOBER
3
WORLD HABITAT DAY
OCTOBER
4
WORLD ANIMAL WELFARE DAY
OCTOBER
8
INDIAN AIR FORCE DAY
OCTOBER
9
WORLD POST OFFICE DAY
OCTOBER
10
NATIONAL POST DAY
OCTOBER
11
WORLD ALLERGY AWARENESS DAY
OCTOBER
11
U N INTERNATIONAL DAY FOR NATURAL DISASTER REDUCTION
OCTOBER
11
WORLD SIGHT DAY
OCTOBER
14
WORLD STANDARDS DAY
OCTOBER
15
WORLD WHITE CANE DAY (Guiding the Blind)
OCTOBER
16
WORLD FOOD DAY
OCTOBER
21
POLICE COMMEMORATION DAY
OCTOBER
24
U N DAY
OCTOBER
24
WORLD DEVELOPMENT INFORMATION DAY
OCTOBER
27
INFANTS DAY
OCTOBER
28
WORLD RABBIES DAY
OCTOBER
30
WORLD THRIFT DAY
OCTOBER
31
NATIONAL INTEGRATION DAY
OCTOBER
31
NATIONAL REDEDICATION DAY

S K PANDEY_LIBRARIAN