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February 6, 2012

व्यक्तित्व विकास--

मर्चेट नेवी -- सही संस्थान मेंएडमिशन है जरूरी


मर्चेट नेवी  सही संस्थान मेंएडमिशन है जरूरी आज देशों के बीच की दूरी कम हुईहै। बेहतर संचार साधनों, यातायात क ी गति ने जीवन को कमोबेश आसान किया है। इसका असर भी लगभग हर जगह देखा जाता है। व्यापारिक गतिविधियां इसमें कोईअपवाद नहीं हैं। देखा गया है कि कंपनियां आपसी प्रतिस्पर्धामें बेहतर से बेहतर यातयात के साधनों के अपनाने से गुरेज नहीं करती। ऐसे में समुद्री यातायात जहां आज के व्यापार की जरूरत है तो मर्चेट नेवी इन जरूरतों को पूरा करने का जरिया। व्यापारिक परिवहन को आसान बनाने वाली मर्चेट नेवी, इन दिनों केवल अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर मालढुलाईका साधन भर नहीं बल्कि रोजगार का भी उम्दा विक ल्प हैं। अगर आप को भी एडवेंचर पसंद हैं और सागर की नीली गोद में कॅरियर की बेहतरी देखते हैं तो मर्चेट नेवी आपके लिए विकल्पों का सागर बन सकता है। जरूरत है तो बस बेहतर निर्णय व सही संस्थान के चयन की।
बढी जरूरत, बढता जॉब
आज की तारीख में दुनिया का 90 से 95 फीसदी व्यापार समुद्र के जरिए होता है। खनिज तेल, खाद्यान्न कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी आपूर्ति वैश्विक आर्थिक समीकरणों पर असर डालती हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि दुनिया की इकनॉमी में मर्चेट नेवी संबंध क्या मायने है। इसी के चलते दुनिया भर की सरकारे आज मर्चेट नेवी के विस्तार के लिए प्रयासरत है। खुद भारत सरकार आने वाले 5 सालों में व्यापकस्तर पर कर्मचारी व अधिकारियों की भर्तीकरेगी व 2020 तक शिपिंग सेक्टर मे 5 लाख करोड के सरकारी निवेश का अनुमान है। मानना लाजिमी है कि क्यों यह सेक्टर, उम्मीदों का हाईटाइड बन उभरा है।
कोर्स चयन में दिखाएं समझदारी
इस क्षेत्र में इंट्री दिलाने वाले संस्थान युवाओं को डिग्री व डिप्लोमा, शॉर्ट टर्म कोर्स जैसे कईविकल्प देते हैं। इन्हे पूरा कर वे देशी विदेशी शिपिंग कंपनियों में अवसर तलाश सकते हैं। इंडियन मेरीटाइम यूनिवसिर्टी इस क्षेत्र में इंट्री का सबसे प्रमुख जरिया है। यह एक कॉमन टेस्ट के जरिए युवाओं को विभिन्न इंस्टीट्यूट में दाखिले का मौका देता है। इसके अलावा कईसंस्थान छात्रों की साइकोमेट्रिक व आईक्यू की परख के लिए ऑनलाइन टेस्ट आयोजित करते हैं। तो वहीं देश के कई टॉप मरीन इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए आईआईटी भी ज्वाइंट एंट्रेस एग्जाम आयोजित करती है।
एडमिशन में रखें सावधानी
मर्चेंट नेवी के बढते क्रेज के बीच देश में मरीन संस्थानों की संख्या बढी है। ये संस्थान अमूमन 3 से 4 साल क ी अवधि वाले डिग्री कोसर्ेज संचालित करते हैं। देखा गया है,कि आकर्षक विज्ञापन व बडे बडे दावों के चलते युवा इन संस्थानों में एडमिशन तो ले लेते हैं लेकिन बाद में प्लेसमेंट के नाम पर उनको निराशा ही मिलती है। ऐसे में जरूरी है कि युवा इन में दाखिले सेपहले संस्थान की पूरी पडताल कर लें। जिसमें उसके प्लेसमेट रिकॉर्ड, पूर्व छात्रों के अनुभव, ट्रेनिंग इंफ्र ास्ट्रक्चर, गुणवत्ता, फैकल्टी आदि पर ध्यान देना अहम होगा।
स्किल्स बनाएंगी विजेता
बकौल विशेषज्ञ, युवा मर्चेट नेवी में नौकरी के दौरान आपकी एकेडमिक क्वालीफि केशन के साथ आपकी स्किल्स का भी टेस्ट होता है। इसलिए मरीन संस्थान में प्रवेश लेने से पहले देख लें कि वहां आपकी स्किल्स को पूरा निखार मिलता हैया नहीं। बेहतर होगा कि संस्थान की गुणवत्ता के साथ उसकी उन सुविधाओं पर भी गौर करें जहां आपकी इन कुदरती क्षमताओं का पूरा विकास हो।
क्षमताओं की परख है अहम
यहां प्रवेश के दौरान संबधित कंपनी आपकी मानसिक व शारीरिक क्षमताएं परखती हैं। इसका उद्देश्य यह देखना होता है कि कैंडीडेट्स समुद्र की कठिन परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बना सकता हैया नहीं। इस कारण कैंडीडेट्स के लिए आवश्यक है कि एडमिशन से पहले अपनी क्षमताओं को परखें व उसी के अनुरूप कोई निर्णय लें। अन्यथा कईबार युवा, मर्चेट नेवी के टफ रुटीन जॉब के आगे टूट जाते हैं।
चुनिए कॅरियर की सॉलिड ग्रोथ
मर्चेट नेवी कॅरियर की ऐसी च्वाइस हैजिसकी ग्रोथ में हाल फिलहाल कोई कमी नहीं आने वाली। जिस तरह देशो के बीच आपसी व्यापार परवान चढ रहा है,उस तरह इस क्षेत्र में ग्रोथ की संभावनाएं भी बढी हैं। यहां ज्यादातर शिपिंग कंपनियां अपने अधिकारियों को कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर सेलेक्ट करती है। ऐसे में बेहतर होगा कि लगातार स्विच ओवर ले आप अपनी सेलरी व डेजिगनेशन दोनों को ऊंचाइयां दें। यहां डेक डिपार्टमेंट, सर्विस डिपार्टमेंट, इंजन डिपार्टमेंट कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र है होते हैं जहां आप बतौर ऑफीसर काम कर सकते हैं।
स्कॉलरशिप करेगी राह आसान
मर्चेट नेवी इंस्टीट्यूट में स्कॉलरशिप का भी प्रावधान होता है। वे छात्र जो मेधावी हैंलेकिन आर्थिक तौर पर सक्षम नही है उन्हें ये संस्थान,स्कॉलरशिप्स देते हैं। ज्यादातर इंस्टीट्यूट, छात्रवृत्ति के लिए आवेदन मांगते हैं जिसमें सफल होकर छात्र अपने फीस हॉस्टल आदि का खर्च आसानी से जुटा सकते हैं।


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