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प्रयास आखिरी सांस तक करना चाहिए, या तो लक्ष्य हासिल होगा या अनुभव दोनों ही बातें अच्छी है.

October 30, 2012

संयुक्त राष्ट्रसंघ दिवस पर विशेष: अंतरराष्ट्रीय अप्रोच



                      LIBRARY, K V - BHADERWAH (J&K)


सीरिया खूान से लाल हुआ जाता है। लीबिया का भी हाल अलग नहीं है। इराक, अफगानिस्तान में पिछले करीब 10 सालों से सुनाई दे रही धमाकों की गूंज आज भी जारी है। सोमालिया, सूडान का युगों पुराना गृहयुद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। फिलस्तीन, श्रीलंका समेत कई देशों में शरणार्थियों की समस्या मुंह बाए खडी है। पूरी दुनिया में मानवता के लिए संकट का दूसरा नाम बन चुके इन हालातों से जब भी निपटने की बात आती है तो जेहन में सबसे पहला नाम संयुक्त राष्ट्रसंघ का आता है। वो संयुक्त राष्ट्र, जिसकी स्थापना आज से करीब 67 साल पूर्व विश्वयुद्धों की काली छाया के बीच की गई थी। उम्मीद थी कि आपसी रक्तरंजित संघर्षो में उलझी दुनिया अपने झगडों को सुलझाने में जंग के बजाय इसके मंच का इस्तेमाल करेगी। आज स्थापना के सालों बाद पलटकर देखा जाए तो पाएंगे कि संयुक्त राष्ट्र अपनी भूिमका में खासा सफल रहा है। न केवल लडाइयों पर लगाम लगाने में बल्कि दुनिया को भूख, अभाव, शोषण, पिछडेपन से मुक्ति दिलाने में भी इसकी भूमिका सराहनीय रही है। एक लिहाज से देखें तो इन दिनों दुनिया के कई इलाके हमें अशांति और हिंसा से भरे जरूर दिख सकते हैं लेकिन सोचकर देखिए, संयुक्त राष्ट्रसंघ की गैरमौजूदगी में ये हालात कितने बदतर होते। ऐसे में यदि आप भी दुनिया को खूबसूरत बनाने में अपनी भूमिका देखते हैं, इसके दर्द व कष्ट को अपने सीने में महसूस करते हैं तो संयुक्त राष्ट्रसंघ एक उपयुक्त जगह है। यहां बेहतर कॅरियर की गारंटी मिलती है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय माहौल में अनुभव की कोई बराबरी नहीं है। 

क्यों आकर्षित कर रहा संयुक्त राष्ट्र
अपनी स्थापना के 6 दशकों के सफर में संयुक्त राष्ट्रसंघ की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। आज की तारीख में लोग संयुक्त राष्ट्र को परिवर्तन की ईमानदार कोशिशों से जोडकर देखते हैं। यही कारण है कि यहां अपना लॉन्ग टर्म कॅरियर देखने वाले युवाओं की कोई कमी नहीं है। यही नहीं, काम का पेशेवर माहौल, इसके जरिए मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय पहचान, आत्मसंतुष्टि जैसी चीजें भी युवाओं को इससे जुडने को प्रेरित कर रही हैं
 
जॉब के बहुआयामी पक्ष
संयुक्त राष्ट्रसंघ मानव जीवन से जुडे ज्यादातर पक्षों में अपना दखल रखता है। प्रश्न मानवाधिकार का हो या एड्स जैसी घातक बीमारी का अथवा फिर हो नस्ली हिंसा, गरीबी, नि:शस्त्रीकरण के मुद्दे। हर बदलते विषय के साथ संयुक्त राष्ट्र में काम के नए आयाम जुड जाते हैं। इन आयामों को संयुक्त राष्ट्र के हजारों कर्मचारी अपनी मेहनत व लगन से नई मंजिलें दे रहे हैं। इसमें काम करने का एक फायदा यह भी है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें अलग-अलग समस्याओं, अलग-अलग माहौल, उनकी पृष्ठभूमियों, संस्कृतियों से वाकिफ होने का पूरा मौका मिलता है। 

दिल में बसती इंसानियत की खुशबू
संयुक्त राष्ट्रसंघ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की गई थी। इसके गठन का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया को युद्धों की विभीषिका से बचाना था। अपने अंतरराष्ट्रीय रुख व स्थापना चार्टर की वजह से यह दुनिया के प्राय: हर हिस्से के तकरीबन हर मुद्दे व समस्या को अपनी जद में ले पाता है। इस बीच यदि आप यूएन से जुडते हैं तो दुनिया के हर कोने के आम इंसान के दर्द से जुडने का मौका आपको मिलता है। खुद जानकार मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में काम करने का अनुभव अपने आप में खास होता है, यहां पीडित जनसमुदाय के लिए कुछ करने का संतोष ताउम्र आपके दिल में मरहम सा अहसास दिलाएगा। 

ऊंचा कद, पेशेवर रुख
आज का संयुक्त राष्ट्र लीग ऑफ नेशंस की छाया से निकले उस संयुक्त राष्ट्र से काफी कुछ अलग है जिसे शंका की दृष्टि से देखा जाता था और माना जाता था कि इसका भी हश्र लीग ऑफ नेशंस जैसा ही होगा। पर आज आधी शताब्दी से भी ज्यादा वक्त मेंसंरा इन सारी भविष्यवाणियों को गलत साबित कर चुका है। 1945 में महज 300 कर्मचारियों के साथ शुरू यह संगठन आज अपनेजेनेवा, नैरोबी, विएना, न्यूयॉर्क जैसे अपने ग्लोबल हैडक्वाटर्स, हजारों कर्मचारियों व हाईटेक कार्यप्रणाली के दम पर पूरी दुनिया पर नजर रखता है। यही नहीं अफ्रीका, यूरोप, लैटिन अमेरिका, कैरेबियन, एशिया पैसिफिक, पश्चिमी एशिया के अपने रीजनल जोन के मार्फत हर जगह अपनी मौजूदगी का अहसास कराता रहता है। इन सबके बीच यदि आपको भी यहां काम करने का मौका मिलता है तो यह अपने आप में एक सम्मान की बात हो सकती है। 
 
पढाई के भी मिलते मौके
सयुंक्त राष्ट्र में बेहतर कॅरियर विकल्पों की कमी नहीं है। इसकी अनेक शाखाओं में जॉब्स के कई विकल्प हैं और सबसे अहम, इसमें काम करते हुए आप काफी कुछ सीख भी सकते हैं। इसलिए कि कॅरियर डेवलेपमेंट यहां केवल आपकी ही जिम्मेदारी नहीं हैं बल्कि संयुक्त राष्ट्रसंघ स्वयं अपने कर्मचारियों के विकास मेंरुचि लेता है। इसके लिए समय-समय पर स्किल्स लर्निग, लैंग्वेज ट्रेनिंग जैसे कोर्स चलाए जाते हैं। खुद यूएन मानता है कि उनके कर्मचारियों की क्षमताएं ही उनके संस्थान की उपयोगिता तय करती है। 

हाईलाइफ स्टाइल का भरोसा
संयुक्त राष्ट्र में काम करते हुए आप अच्छे वेतन की अपेक्षा कर सकते हैं, क्योंकि पहले तो यहां मिलने वाली सैलरी अमेरिकी डॉलर में होती है। दूसरे अंतररराष्ट्रीय कर्मचारी होने के नाते आप वैश्विक स्तर पर मान्य सैलरी व उससे संबंधित सभी फायदों के भी हकदार बनते हैं। उस पर जहां आप नियुक्त हैं, उस स्थान की कॉस्ट ऑफ लिविंग भी सैलरी का आधार बनती है। 

क्यों खास है यूएन
द्वितीय विश्वयुद्ध को रोक पाने में लीग ऑफ नेशंस की असफ लता ही संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएनओ) की स्थापना का प्रमुख कारण थी। दरअसल दूसरे विश्वयुद्ध में हुए भीषण विध्वंस, करोडों लोगों की मौत से पूरी दुनिया टूट चुकी थी। जन-धन की हानि कुछ इतनी ज्यादा थी कि इसका आज तक अंदाजा नहीं है। ऐसे में यह तय था कि अगर दुनिया में तीसरा विश्वयुद्ध छिडा तो सभ्यता के रूप में हम सदा-सदा के लिए खत्म हो जाएंगे।
लिहाजा अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैकलिन रूजवेल्ट के प्रयासों व वैश्विक शक्तियों के सहयोग से24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्रसंघ अस्तित्व में आया। महासभा, सुरक्षा परिषद, सचिवालय, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, आर्थिक व सामाजिक परिषद आदि इसके प्रमुख भाग हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क में इसका मुख्यालय है व दक्षिण कोरिया के बान की मून इसके वर्तमान महासचिव हैं।
 
यूएन: कैसे हो मंजिल आसान
दूसरी कई ऑर्गेनाइजेशन की तरह यूएन को भी आज सक्षम, ऊर्जावान कर्मचारियों की जरूरत है, जो हर परिस्थिति में अपना सौ फीसदी दे सकें.. कभी तो आपका दिल सामने हाथ फैलाते छोटे बच्चे को देखकर पिघला होगा, कभी तो आपक ा दिल गरीबी लाचारी से बदहाल मानवता को देखकर रोया होगा, कभी तो आपके दिल में इनके लिए कुछ करने की तमन्ना से भर उठा होगा। यदि ऐसा है तो संयुक्त राष्ट्रसंघ में आपके लायक करने को बहुत कुछ है। लेकिन इसमें प्रवेश की राह इतनी आसान नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी कुछ खास क्वालिटीज को तराशें और उन्हें संयुक्त राष्ट्र में अपनी इंट्री का औजार बनने दें। 

डेवलेप करें गुणवत्ता-  संरा में इंट्री हो जाना ही काफी नहीं है। असल काम तो इसके बाद शुरू होता है जिसमें सफल होने के लिए आपको कुछ खास गुणों की दरकार होगी। इनमें कार्य के प्रति हद दर्जे का जुनून, गरीबों, वंचितों, जरूरमंदों की सेवा, कठिन से कठिन स्थितियों में हिम्मत बरकरार रखना मुख्य है। इसके अलावा बेहतर कम्यूनिकेशन, नई-नई टेक्नोलॉजी का ज्ञान, नेतृत्व क्षमता, मैनेजमेंट, सामंजस्य बैठा काम करने की आदत, शॉर्ट नोटिस पर दुनिया के किसी भी हिस्से में जाने की तत्परता भी कुछ ऐसी ही चीजें हैं, जिनकी तलाश यहां हर इम्प्लॉई में की जाती है। जॉब नेटवर्क हैं खास- यूएन कर्मचारियों की क्षमता निखार में जॉब नेटवर्क अहम भूमिका निभाता है। इसके जरिए संगठन के कर्मचारी अपनी क्षमताओं के अनुसार एक जगह से दूसरी जगह स्विच कर सकते हैं। असल में जॉब नेटवर्क का निर्माण ही इस तरह किया गया है कि कर्मचारी एक जगह से दूसरी जगह जाकर अपनी स्किल्स व पेशेवर क्षमताओं में इजाफा करते रहें। लेकिन अहम है कि कैसे बदलती चीजों से खुद को समायोजित कर पाते हैं।

कम्यूनिकेशन आता काम- बेहतर संचार कौशल यहां सफलता का बडा कारक है, क्योंकि इस क्षेत्र में काम की परिस्थितियां आपको सिएरा लियोन से श्रीलंका तक कहीं भी काम करने को मजबूर कर सकती है। लिहाजा अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स, कई भाषाओं का ज्ञान ही यहां आपका सटीक हथियार होगा और यही चीज आपको संगठन में जगह दिलाएगी।

डर पर काबू करना है अहम- संयुक्त राष्ट्र में काम करने के दौरान आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड सकता है, जिसमें सबसे प्रमुख है युद्धग्रस्त क्षेत्र में तैनाती। इस चुनौती से निपटने के लिए सबसे जरूरी है अपने डर पर काबू पाना। एक बार आपने ऐसा कर लिया तो फिर इस फील्ड में कामयाबी आपके कदमों पर होगी। 

फील्ड नेटवर्क में जरूरी जुझारूपन- आज यूएन दुनिया में अपना खासा रसूख कायम कर चुका है। पूरी दुनिया में इसके 130 फील्ड ऑफिस हैं, जिसमें शांतिरक्षकों से लेकर पॉलिटिकल, ह्यूमेनिटेरियन ग्रुप्स भी शामिल हैं। ये लोग संगठन के वे अहम बिंदु होते हैं जो किसी भी प्राकृतिक, मानवकृत त्रासदी की सबसे पहले पहचान कर प्रतिक्रिया देते हैं। यूएन के ऐसे ही हजारों कर्मचारी आज पूरी दुनिया में स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल यौन शोषण, भू्रण हत्या, एड्स, बारूदी सुरंगों के दुष्प्रभाव, स्थानीय कुप्रथाओं आदि के विरूद्ध जमीनी प्रयासों में लगे हैं। इन सभी पदावलियों के लिए कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद दक्ष होना होगा। लिहाजा यदि आप भी यूएन में जाने का ख्वाब देखने जा रहे हैं तो खुद में इन क्वालिटीज को जरूर परखें। अगर है, तो आप योग्य हैं इस क्षेत्र में जाने के लिए। 

यूएन: हर कदम अवसरों का साथ
संयुक्त राष्ट्र में हर कदम पर अवसर है। यदि आप में योग्यता है, काम का माद्दा है तो यहां कामयाब होना मुश्किल नहीं..
संयुक्त राष्ट्र का आकार इतना विस्तृत है कि उसमें न तो जॉब्स की कमी है और न ही अलग-अलग कॅरियर ऑप्शन की। जरूरत है तो बस अपनी क्षमताओं के पूर्ण विकास की। यूएन से जुडे कुछ कॅरियर ऑप्शन इस प्रकार हैं।

स्टाफ कैटेगिरी मे हैं मौके
संयुक्त राष्ट्र में काम करने वाले स्टाफ को उनकी क्षमताओं के अनुसार कई कैटेगिरी में बांटा जाता है। प्रत्येक कैटेगिरी में अधिकारियों की उनकी जिम्मेदारियों, जरूरतों के मुताबिक चुना जाता है। इसमें कुछ कैटेगिरी दी जा सकती हैं जहां आप अपनी क्षमताओं व योग्यताओं के अनुसार किसी एक का चयन कर सक ते हैं
1.प्रोफेशनल एंड हायर कैटेगिरी
2.नेशनल प्रोफेशनल ऑफीसर
3.फील्ड सर्विस
4.सीनियर एप्वॉइंटमेंट 

इंट्री के रास्ते अनेक
यूएनओ जॉब के लिए आपके पास कई विकल्प होते हैं, लेकिन हर स्तर पर कर्मचारियों को भिन्न चयन मापदंडों से गुजरना होता है। ज्यादातर उच्च स्तर के अधिकारी संगठन में डेप्यूटेशन पर ही आते हैं जो तय कार्यकाल के बाद अपने मूल कैडर में वापस लौट जाते हैं। इसके अलावा यूनाइटेड नेशन वालंटियर प्रोग्राम, यंग प्रोफेशनल प्रोग्राम जैसे कई अन्य जरिए भी हैं जो आपके और संयुक्त राष्ट्र के बीच की दूरी को कम कर सकते हैं। 

यंग प्रोफेशनल प्रोग्राम
आज संयुक्त राष्ट्र को ऐसे युवाओं की जरूरत है, जिनकी क्षमताएं यूएन के काम में दिखें। वे युवा जो अपने प्रोफेशनल कॅरियर की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय प्रशासक के तौर पर करना चाहते हैं उनके लिए यंग प्रोफेशनल प्रोग्राम सही रास्ता है। इस प्रोग्राम के लिए हर साल नेशनल कॉम्पटीटिव रिक्रूटमेंट एग्जामिनेशन (एनसीआरइ) का आयोजन किया जाता है। इसी केमाध्यम से युवाओं का प्रोग्राम में चयन होता है। 32 साल से कम आयु वर्ग के वे सभी स्नातक युवा, जो इंग्लिश या फ्रेंच भाषा पर अच्छा नियंत्रण रखते हैं। इस परीक्षा में भाग लेने के अधिकारी हैं।

यूनाइटेड नेशंस वालंटियर प्रोग्राम
हर साल दुनिया के करीब 158 देशों के 8000 से ज्यादा युवा अपनी जिंदगी के 6 महीने संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्वैच्छिक सेवा कार्यक्रम को देते हैं। इन कार्यक्रम के तहत ये लोग दुनिया के 128 देशों में शांति, सद्भावना प्रसार, प्राकृतिक आपदा निवारण व विकास के लिए काम करते हैं। वे सभी 25 वर्ष आयु पूरी कर चुके युवा जिनके पास यूनिवर्सिटी डिग्री हो/हायर एजूकेशन का डिप्लेामा हो, इस प्रोग्राम के लिए पात्र हैं। 

इंटर्नशिप प्रोग्राम भी है मददगार
यदि आप डिप्लोमेसी व सार्वजनिक सेवाओं में काम के इच्छुक हैं तो यूएन इंटर्नशिप प्रोगाम आपको सही शुरुआत दे सकता है। यहां आपको कार्य का वास्तविक अनुभव मिलता है। इस प्रोग्राम के माध्यम से आपको यूएन क र्मचारियों, अधिकारियों की टीम के साथ संगठन के भीतर होने वाली गतिविधियों, निर्णय, कान्फ्रेंस, मीटिंग, कार्य विश्लेषण आच् िचीजों का पहला पहल अनुभव मिलता है।

लैंग्वेज कॉम्पटीटिव एग्जाम
संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफल होने के लिए एक से अधिक भाषा पर पकड जरूरी है। दुनिया के विभिन्न देशों में इसके 130 ऑफिस, हजारों कर्मचारियों जैसेवृहत संयोजन में सफल होने के लिए भाषा महत्वपूर्ण कारक है। इन्हीं सबको देखते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ में भाषा संबंधी कई वेकेंसीज रखी गई हैं, जहां उम्मीदवारों को लैंग्वेज कॉम्पटीटिव एग्जामिनेशन (एलसीई) के माध्यम सचुना जाता है। इन लोगों का काम अपनी भाषा संबंधी दक्षता से यूएन की कार्यक्षमता में वृद्धि करना होता है। 


द्वारा -- सन्तोष पाण्डेय